ज्ञान का भंडार और गुणों की खान है श्रीराम कथा
दयानंद नगर स्थित श्रीराम शिव मंदिर में रविवार को श्रीराम कथा का महत्व बताया गया। साथ ही कथा व्यास संत किरणचंद महाराज ने विभिन्न प्रसंग सुनाकर श्रद्धालुओं को भाव-विभोर कर दिया।
शामली, जेएनएन। दयानंद नगर स्थित श्रीराम शिव मंदिर में रविवार को श्रीराम कथा का महत्व बताया गया। साथ ही कथा व्यास संत किरणचंद महाराज ने विभिन्न प्रसंग सुनाकर श्रद्धालुओं को भाव-विभोर कर दिया।
कथा व्यास ने कहा कि श्रीराम कथा श्रवण का अवसर भाग्यशाली लोगों को ही मिलता है। जो कथा के संदेश को अपनी जीवन में ग्रहण करते हैं और प्रभु के चरणों में खुद को समर्पित कर देते हैं, उनके जीवन से सभी बुराइयों का अंत हो जाता है। जीवन में आनंद प्रदान करने वाली शांति का आगमन होता है। प्रभु राम को मर्यादा पुरुषोत्तम कहा जाता है, क्योंकि उन्होंने हमेशा मर्यादाओं का पालन किया। हमें अपने जीवन को भी ऐसा ही बनाने का प्रयास करना चाहिए। मनुष्य आज छोटे से फायदे के लिए मर्यादाओं को किसी भी हद तक लांघने को तैयार है। प्रभु राम ने अपने पिता के वचन को पूरा करने के लिए राज्य को त्यागा और 14 साल के वनवास पर चले गए। भगवान होने के बाद भी वनों में विपरीत परिस्थितियों का सामना किया। श्रीराम कथा ज्ञान का भंडार और गुणों की खान है। यह हमको जीवन जीने की कला सिखाती है। इस दौरान महेश धीमान, सतपाल शर्मा, शैलेंद्र शर्मा, विजयपाल, भानू, हरपाल शर्मा, शुक्रमपाल शर्मा, पंडित सतेंद्र शर्मा, रामकुमार, अमित, हर्ष आदि मौजूद रहे।