विशेष आराधना के लिए है सिद्धचक्र महामंडल विधान
जलालाबाद अतिशय क्षेत्र जलालाबाद में मुनि सौरभ सागर महाराज के सानिध्य में श्री सिद्धचक्र महामंडल
जलालाबाद : अतिशय क्षेत्र जलालाबाद में मुनि सौरभ सागर महाराज के सानिध्य में श्री सिद्धचक्र महामंडल विधान कार्यक्रम चल रहा है। सुबह श्रीजी का अभिषेक व शांतिधारा से विधि विधान पूर्वक पूजा अर्चना सौधर्म इन्द्र व इन्द्राणियों ने की। सौधर्म इन्द्र नरेन्द्र जैन, शशी जैन यज्ञ नायक सतेन्द्र जैन, नीना जैन शामली बने। सुभाष चंद जैन, उमा जैन सहारनपुर कुबेर, ईशान इंद्र सुशील जैन, सुषमा जैन, नानौता, महेन्द्र, इन्द्र सुभाष चन्द जैन, रेणु जैन शामली रहे। विधानाचार्य पं. संदीप जैन ने श्री सिद्ध चक्र महामंडल विधान के अर्घ्य विधान पूर्वक संपन्न कराए। प्रवचन बेला मे मुनि सौरभ सागर महाराज ने श्रद्धालुओं को बताया कि जैन धर्म में 24 तीर्थकर समय-समय पर संसार चक्र में फंसे जीवों का कल्याण करने के लिए धरती पर आए है। छठी शताब्दी में तीर्थकर भगवान महावीर के जैन दर्शन का पुनावरण हुआ। जैन पंरपरा में पूजा, उपासना का विशेष महत्व है। उपासना में सिद्ध चक्र महामंडल विधान की अधिक महिमा है। यह ऐसा अनुष्ठान है जो हमारे जीवन के समस्त पाप, ताप और संताप नष्ट करता है। पुराणों के अनुसार मैना सुंदरी ने सिद्ध चक्र महामंडल विधान के आयोजन से कुष्ठ रोग से पीड़ित अपने पति श्रीपाल को कामदेव बना दिया था। सिद्धों की विशेष आराधना के लिए सिद्ध चक्र महामंडल विधान किया जाता है। प्रसाद दीपक जैन, राजीव जैन शामली व पूजा सामग्री भूषण कुमार जैन हरियाणा की ओर से की गई। कार्यक्रम को सफल बनाने में सतेन्द्र कुमार जैन, धनप्रकाश जैन, सुशील कुमार जैन, प्रदीप कुमार जैन, उमेश जैन, पं. संत जैन, सचिन जैन, राहुल जैन, सुभाष चन्द्र जैन रहे।