नकारा अफसरों के खिलाफ हथियार बना आरटीआइ : हाफिज उस्मान
जागरण संवाददाता, शामली: राज्य सूचना आयुक्त हाफिज उस्मान ने कहा कि जनसूचना अधिकार अधिनियम
जागरण संवाददाता, शामली:
राज्य सूचना आयुक्त हाफिज उस्मान ने कहा कि जनसूचना अधिकार अधिनियम से सरकारी कार्यालयों में काम में पारदर्शिता आईं है और भ्रष्टाचार पर अंकुश लगा हैं। काम न करने के बहाने ढूंढने वाले नकारा अधिकारियों के विरुद्ध आरटीआइ सशक्त हथियार बन गया है।
शुक्रवार को कलक्ट्रेट सभागार में जनपद स्तरीय जनसूचना अधिकारियों व प्रथम अपीलीय अधिकारियों की कार्यशाला में उन्होंने कहा कि सभी अधिकारी अपेक्षित सूचनाएं समय पर उपलब्ध कराएं। कई बार लोक प्राधिकरणों एवं विभागों की ऐसी सूचना देने के आवेदन मिलते हैं, जो उससे संबंधित ही नहीं होतीं।
राज्य सूचना आयुक्त ने कहा कि सूचना अधिकार का प्रयोग जनहित के लिए है। सभी को यह जानकारी होनी चाहिए कि जन सूचना अधिकार के तहत मांगी सूचना 30 दिन के अंदर वादी को मिल जाए। इसकी आड़ में किसी का उत्पीड़न न किया जाए। उन्होंने कहा कि जो सूचनाएं विभाग से मांगी जाएं, उनका हरसंभव निचले स्तर पर निराकरण कर दिया जाए, ताकि वादी को आयोग में न जाना पडे़। उन्होंने कहा कि आयोग के समक्ष जो भी मामले आते हैं, उन्हें गंभीरता से निस्तारित किया जाता है। उन्होंने कहा कि तृतीय पक्ष के संबंध में भ्रष्टाचार की सूचना दी जा सकती हैं लेकिन अगर कोई व्यक्तिगत सूचना मांगता है तो इसे देना जरूरी नहीं है।
राज्य सूचना आयोग के स्टेट पर्सन डा. राहुल ने प्रशिक्षण के दौरान आरटीआई एक्ट की जानकारी दी। इस दौरान डीएम इंद्र विक्रम ¨सह, एसपी दिनेश कुमार, सीडीओ विवेक त्रिपाठी, एडीएम केबी ¨सह, एएसपी अजय प्रताप ¨सह, एसडीएम सुरजीत ¨सह, एसीएमओ डा. अशोक हांडा, अमित शर्मा, सीवीओ राजेश सैनी, सीओ एके ¨सह आदि मौजूद रहे।