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कृषि विधेयक के विरोध में रालोद ने बुलंद की आवाज

कृषि विधेयक व बकाया गन्ना भुगतान समेत विभिन्न मांगों को लेकर राष्ट्रीय लोकदल के कार्यकर्ताओं ने कलक्ट्रेट में पहुंचकर आवाज बुलंद की।

By JagranEdited By: Published: Thu, 01 Oct 2020 10:25 PM (IST)Updated: Thu, 01 Oct 2020 10:25 PM (IST)
कृषि विधेयक के विरोध में रालोद ने बुलंद की आवाज
कृषि विधेयक के विरोध में रालोद ने बुलंद की आवाज

शामली, जेएनएन। कृषि विधेयक व बकाया गन्ना भुगतान समेत विभिन्न मांगों को लेकर राष्ट्रीय लोकदल के कार्यकर्ताओं ने कलक्ट्रेट में पहुंचकर आवाज बुलंद की। कार्यकर्ताओं ने नारेबाजी करते हुए कृषि विधेयक को किसान विरोधी करार दिया। बकाया गन्ना भुगतान की मांग पुरजोर तरीके से उठाई। इस दौरान हाथरस कांड को लेकर भी रालोद पदाधिकारी खूब गरजे।

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गुरुवार को राष्ट्रीय लोकदल के पदाधिकारी व कार्यकर्ता बड़ी संख्या में माजरा रोड स्थित कार्यालय पर एकत्रित हुए। यहां जिलाध्यक्ष योगेंद्र चेयरमैन के नेतृत्व में सैनिटाइजर व मास्क निश्शुल्क वितरित किए गए। इसके उपरांत ट्रैक्टर-ट्रालियों पर सवार कार्यकर्ताओं ने कलक्ट्रेट की ओर कूच किया। कृषि विधेयक व बकाया गन्ना भुगतान को लेकर नारेबाजी करते हुए कार्यकर्ता कलक्ट्रेट में पहुंचे। जहां पर पहले से सुरक्षा व्यवस्था को लेकर एसडीएम संदीप कुमार व सीओ प्रदीप कुमार भारी पुलिस फोर्स के साथ तैनात थे। कार्यकर्ताओं ने कलक्ट्रेट परिसर में पहुंचकर धरना प्रदर्शन शुरू किया। धरने को संबोधित करते हुए जिलाध्यक्ष योगेंद्र चेयरमैन ने कहा कि पूरा देश कृषि विधेयक के विरोध में सड़कों पर है, लेकिन केंद्र सरकार को उनकी पीड़ा सुनाई नहीं दे रही है। किसानों की सुनने के बजाय उन पर लाठीचार्ज किया जा रहा है। कृषि प्रधान देश में भी किसान को अपनी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता नहीं रह गई है। वहीं उन्होंने हाथरस कांड में सरकार की कार्यशैली को कटघरे में खड़ा किया। रालोद के राष्ट्रीय महासचिव युवा अशरफ अली खान ने कहा कि गन्ने का नया पेराई सत्र शुरू होने वाला है, लेकिन बकाया भुगतान नहीं किया जा रहा है। सरकार का 14 दिनों में गन्ना भुगतान का दावा हवाई ही रहा है। प्रदेश में कानून व्यवस्था रसातल में पहुंच चुकी है। यहां हाथरस में बेटी की हत्या कर उसका जबरन अंतिम संस्कार करना सरकार की कथनी करनी में अंतर साफ कर रहा है। प्रदेश संगठन मंत्री राजकुमार सांगवान ने कहा कि कृषि विधेयक से किसानों को गुलामों बनाने का काम किया जा रहा है। कोरोना काल में व्यापार व नौकरियां चौपट हो चुकी है। ऐसे विकट समय में बिजली कनेक्शन की पावर में बढ़ोतरी कर किसानों का शोषण करने का काम किया जा रहा है। उन्होंने बिजली की दरें कम करने की मांग दोहराई। व्यापार प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष राजेश्वर बंसल ने कहा कि कोविड काल में कारोबार खत्म हो चुके है, लेकिन सरकार इस ओर ध्यान देने के बजाय रोजगार को खत्म करने का काम कर रही है। धरने को प्रदेश महासचिव अनवार चौधरी, तिरसपाल मलिक, रणधावा मलिक, सत्यवीर पंवार वाजिद अली, डा. राजीव बालियान, डा. विक्रांत जावला, बत्तीसा खाप के चौधरी बाबा सूरजमल आदि ने भी संबोधित किया। धरने की अध्यक्षता राजकुमार सांगवान एवं संचालन अशरफ अली खान तथा आशुतोष पंवार ने संयुक्त तौर पर की। इस दौरान एसडीएम व सीओ को ज्ञापन सौंपा गया। इस अवसर पर देशराज भनेड़ा, ऋषिराज राझड, रजनीश कोरी, सनोज चौधरी, बिजेंद्र मलिक, मनोज चौधरी, बाबूराम पंवार, सोमपाल कसेरवा, अरविद पंवार, पप्पू प्रधान, डा. योगेश भभीसा आदि मौजूद रहे।


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