रसोई माताओं ने काटा हंगामा, रालोद का भी समर्थन
जिले में रसोई माताओं का विरोध प्रदर्शन नित-प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है।
जागरण संवाददाता, शामली : जिले में रसोई माताओं का विरोध प्रदर्शन नित-प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है। दो सप्ताह से मानदेय बढ़ाने की मांग को लेकर चल रहा धरना-प्रदर्शन मंगलवार को भी जारी रहा। रसोई माताओं ने कलक्ट्रेट में नारेबाजी करते हुए जमकर हंगामा काटा। हंगामे के दौरान रसोई माताओं को समझाने पहुंचे डीएम इंद्र विक्रम ¨सह के समक्ष भी रसोई माताओं ने पुरजोर विरोध किया। इस पर डीएम ने उन्हें धरनास्थल पर ही पहुंचकर धरना देने की नसीहत दी। उधर, रालोद ने भी रसोई माताओं को पूर्ण समर्थन दिया है।
मंगलवार को जिलाधिकारी ने रसोई माताओं की पांच महिलाओं को बुलाकर उनका ज्ञापन प्रदेश के मुख्यमंत्री को भेजने का आश्वासन देकर रसोई माताओं को शांत करा दिया था। मंगलवार को फिर से दर्जनों की संख्या में पहुंची रसोई माताओं ने कलक्ट्रेट गेट का रास्ता बंद कर नारेबाजी शुरू कर दी। काफी देर तक नारेबाजी करने के बाद रसोई माताएं वेतनमान बढ़ाने की मांग को लेकर जिलाधिकारी इंद्र विक्रम ¨सह के कार्यालय पर पहुंची और नारेबाजी की। इससे जिलाधिकारी ने रसोई माताओं को जमकर फटकार लगाई। उन्होंने कहा कि वेतनमान की मांग को लेकर अब तक 11 ज्ञापन प्रदेश के मुख्यमंत्री को भेजे जा चुके है। इसके बावजूद अगर हंगामा किया जाता है तो कार्रवाई की जाएगी। इस दौरान रसोई माताओं द्वारा शोर-शराबा करने पर डीएम ने फोर्स को मौके पर बुला लिया। पुलिस को आता देख रसाई माताएं शांत हुई। डीएम को ज्ञापन देकर शांतिपूर्वक बैठ गई। रसोई माताओं ने आरोप लगाया कि जिलाधिकारी द्वारा उनके साथ अभद्र व्यवहार किया गया है। इसके लिए वह आंदोलन करेगी। उधर, पूर्व मंत्री योगराज ¨सह व रालोद कार्यकर्ताओं ने रसोई माताओं के धरने पर पहुंचकर उन्हें पूर्ण समर्थन दिया। उन्होंने कहा कि उनकी लड़ाई में रालोद पूरी तरह से साथ रहेगा। इसके लिए राज्यपाल को भी योगराज ¨सह ने ज्ञापन भेजा। इस अवसर पर संतोष, कुसुम, वीरमती, केला, उर्मिला, शमीना, गुड्डी, सविता, सुनीता व राजन जावला, मनीषा, आदि मौजूद रहे।
..और जब बेहोश हुई रसोई माता
कलक्ट्रेट में धरने के दौरान एक रसोई माता अचानक बेहोश हो गई। इससे प्रशासन के हाथ पांव फूल गए। आनन फानन में चिकित्सकों को फोन किया गया, लेकिन रसोई माताओं ने पीड़िता को खुद उपचार कर लिया। इसके बाद धरना-प्रदर्शन व ज्ञापन देकर रसोई माताएं वापस लौट गई।