धू-धू कर जली रावण की लंका
संवाद सूत्र, कैराना: नगर में स्थित गोशाला भवन में चल रहे रामलीला महोत्सव के 12वें दिन अशोक व
संवाद सूत्र, कैराना: नगर में स्थित गोशाला भवन में चल रहे रामलीला महोत्सव के 12वें दिन अशोक वाटिका और हनुमान संवाद की लीला का मंचन किया गया। रामलीला महोत्सव में सैकड़ों दर्शकों ने पहुंचकर रामलीला का आनंद लिया।
सोमवार रात गोशाला भवन में चल रहे रामलीला महोत्सव में सोमवार रात जानकी का पता लगाने के लिए सुग्रीव के मंत्री हनुमान रामचंद्र जी और सुग्रीव की आज्ञा पाकर जानकी का पता लगाने के लिए लंका में जाते हैं। यहां उन्हें पहले विभीषण मिलते हैं जो हनुमान को बताते हैं कि लंका के राजा रावण ने जानकी को अशोक वाटिका में छिपाकर रखा हुआ है।
इस पर हनुमान अशोक वाटिका में पहुंच जाते हैं और जानकी माता के दर्शन करते हैं। हनुमान बताते है कि वह भगवान राम के दूत है और उन्हें रामचंद्र जी द्वारा दिए गए आभूषण दिखाते हैं। इससे सीता को मालूम हो जाता है कि हनुमान जी रामचंद्र जी के दूत हैं और हनुमान जी उनको सारा वृतांत सुनाते हैं सीता जी स्वयं को काफी परेशान महसूस करती हैं और इसी दौरान लंका के राजा रावण और मंदोदरी सीता के पास पहुंचते हैं।
रावण माता सीता को हर प्रकार से भयभीत करता है और अपने साथ महल में चलने को बोलते हैं, लेकिन सीता जी अपनी बात पर अटल रहती हैं। इससे क्रोधित रावण अपनी तलवार उठाकर सीता को मारने का प्रयास करता है, लेकिन रावण की पत्नी मंदोदरी रावण का हाथ पकड़ लेती है और कहती है कि लंका के राजा रावण का यह कृत्य नहीं है कि वह नारी पर अत्याचार करें और उसकी हत्या करें।
इस दौरान हनुमान प्रकट हो जाते हैं और वह अशोक वाटिका को उजाड़ देते हैं। रावण के पुत्र अक्षय कुमार को हनुमान मार देते हैं। इंद्रजीत मेघनाथ ब्रह्मासस्त्र का प्रयोग कर हनुमान को बंदी बना लेते हैं। हनुमान की पूंछ में आग लगा दी जाती है। वह लंका को जला देते हैं।
हनुमान वापस जाकर राम को सीता व लंका का पूरा हाल बताते हैं। राम युद्ध के लिए सुग्रीव व जामवंत को तैयारियों का आदेश देते हैं। आज के मंचन के दौरान नपा चेयरमैन हाजी अनवर हसन भी पहुंचे। रामचंद्र का अभिनय सतीश प्रजापत, रावण का अभिनय शगुन मित्तल, लक्ष्मण राकेश, सीता शिवम गोयल, त्रिजटा राकेश गर्ग, विभीषण ऋषिपाल, अक्षय कुमार सोनू, मेघनाथ निक्की रोहिल्ला, अंगद भालू मित्तल व सुग्रीव आयुष गर्ग आदि ने किया।