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बूंदाबांदी से कड़ाके की ठंड का आगाज , गेहूं को संजीवनी

शामली: सोमवार सुबह से ही आसमान में बादल रहे। शाम के बूंदाबांदी के साथ मौसम में गलनवाली ठ

By JagranEdited By: Published: Tue, 12 Dec 2017 12:37 AM (IST)Updated: Tue, 12 Dec 2017 12:37 AM (IST)
बूंदाबांदी से कड़ाके की ठंड का आगाज , गेहूं को संजीवनी
बूंदाबांदी से कड़ाके की ठंड का आगाज , गेहूं को संजीवनी

शामली: सोमवार सुबह से ही आसमान में बादल रहे। शाम के बूंदाबांदी के साथ मौसम में गलनवाली ठंड शुरू हो गई। विशेषज्ञ बताते हैं कि कड़ाके की ठंड की शुरूआत हो सकती है। ठंड के चलते शाम लोग जल्द घर आ गए और रजाई में दुबके नजर आए।

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दिसंबर का माह चल रहा है, पर अब तक इस साल गत वर्षो की तरह कड़ाके की ठंड नहीं आई। सोमवार को बूंदाबांदी से मौसम की मूड अचानक बदला। कड़ाके की ठंड का अहसास हुआ। लोग जल्द ही रजाइयों में दुबकने लगे। बाजार भी अपेक्षाकृत जल्द बंद हो गए। लोगों ने मौसम का आनंद लेने के लिए पकौड़ी, काफी या चाय का जायका लिया। सर्दी से बचने के लिए चौक-चौराहे व घरों में अलाव जले।

गेहूं की फसल के लिए इस मौसम में बारिश और कड़ाके की ठंड जरूरी होता है। बारिश से जहां सिंचाई होती है वहीं बारिश के बाद ही तापमान में गिरावट आती है। कड़ाके की ठंड में गेहूं की फसल की जड़ों का विस्तार होता है और तने मजबूत होते हैं। अगर किसी वर्ष अच्छी ठंड न पड़े तो गेहूं उत्पादन में कमी आ जाती है। किसान बारिश और ठंड का इंतजार कर रहे हैं।

ठंड बढ़ने से कई लोग हिल स्टेशन की तरफ रुख कर गए हैं। पहाड़ों पर बर्फवारी का मजा लेने के लिए अमूमन दिसंबर के दूसरे से अंतिम सप्ताह तक लोग हिलस्टेशन जाते हैं। कहां बर्फ पड़नी शुरू हुई है, लोग इसका पता लगाने लगे हैं। इसके आधार पर नए वर्ष में पसंदीदा पर्यटन स्थल की बुकिंग शुरू हो गई है।


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