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आपूर्ति विभाग की छापेमारी, हड़कंप

शामली : आपूर्ति विभाग की टीम ने शहर के बीचों-बीच अवैध रूप से गैस रीफिलिंग किए जाने व एलपी

By JagranEdited By: Published: Tue, 29 Aug 2017 11:46 PM (IST)Updated: Tue, 29 Aug 2017 11:46 PM (IST)
आपूर्ति विभाग की छापेमारी, हड़कंप
आपूर्ति विभाग की छापेमारी, हड़कंप

शामली : आपूर्ति विभाग की टीम ने शहर के बीचों-बीच अवैध रूप से गैस रीफिलिंग किए जाने व एलपीजी सिलेंडर का स्टॉक करने की शिकायत पर छापेमारी की। टीम ने मौके से 71 एलपीजी सिलेंडर जब्त किए। शहर के बीचों बीच एक मकान में चल रहे काले कारोबार का विभाग ने भंडफोड़ कर दिया।

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मंगलवार को शामली नगर में नाला पटरी स्थित बैंक मार्केट में एक मकान में रीफ¨लग कर बड़े पैमाने पर सरकारी एलपीजी की कालाबाजारी की जा रही है। खतरनाक तरीके से वहां छोटे सिलेंडरों में गैस की रीफलिंग भी की जा रही थी। खाद्य एवं आपूर्ति निरीक्षक दीपा वर्मा के नेतृत्व में टीम ने पुलिस बल के साथ मार्केट में छापेमारी की। इस दौरान एक मकान में बड़ी संख्या में गैस के घरेलू एवं व्यवसायिक सिलेंडर मिले। इतनी संख्या में सिलेंडर देखकर टीम की आंखें फटी रह गई। टीम ने मौके से एक युवक को हिरासत में ले लिया, जबकि एक आरोपी मौके से फरार हो गया।

सूचना मिलने पर जिला पूर्ति अधिकारी ओमहरि भी मौके पर पहुंचे। गैस सिलेंडरों को कब्जे में लेकर कार्रवाई शुरू कर दी। आपूर्ति निरीक्षक ने बताया कि नाला पटरी निवासी अर¨वद जैन के मकान में स्थित एक दुकान में गैस रिफ¨लग की शिकायत मिली थी। इस पर छापेमारी की गई। इसमें 45 छोटे गैस सिलेंडर, 13 बड़े गैस सिलेंडर तथा 12 तीन किलोग्राम व एक पांच किलोग्राम का गैस सिलेंडर बरामद किया गया है। इसमें इंडेन समेत कई कंपनियों के सिलेंडर शामिल हैं। लोगों ने बताया कि आरोपी वाहनों में गैस रिफ¨लग करने का कार्य करता था। बताया कि भारी मात्रा में गैंस सिलेंडर स्टॉक किए जाने व रीफिलिंग के चलते मोहल्ले में खतरा था। ऐसे हालात में कभी भी अप्रिय घटना घटित हो सकती थी। अगर आग लग जाती तो बड़ी तबाही से इंकार नहीं किया जा सकता था। यदि कोई एजेंसी संचालक गैस की कालाबाजारी में लिप्त पाया जाता है तो उसके खिलाफ भी कठोर कार्रवाई होगी।

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कहां से आ गए सिलेंडर

जितने भी सिलेंडर बरामद हुए हैं, सभी सरकारी कंपनियों के हैं। सवाल है कि ये यहां आए कैसे? लोगों को मिलने वाला रसोई गैस काला बाजार कैसे पहुंचा? तहकीकात ईमानदारी से की जाए तो इसके तार गैस कंपनियों के संचालकों तक जुड़ेंगे। लोगों की मांग है कि रैकेट का राजफाश होना चाहिए।


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