लेनदेन के विवाद में शिष्य ने ही मारा था भजन गायक और उनके पूरे परिवार को, पुलिस ने किया राजफाश Shamli News
शामली में चौहरे हत्याकांड को परिवार के मुखिया अजय पाठक के शिष्य ने लेनदेन के विवाद में अंजाम दिया था। पुलिस ने बुधवार को हत्याकांड का राजफाश कर दिया।
शामली, जेएनएन। शामली को दहला देने वाले चौहरे हत्याकांड का पुलिस ने राजफाश कर दिया है। परिवार के मुखिया अजय पाठक के शिष्य हिमांशु सैनी ने ही इस हत्याकांड को अंजाम दिया था। पुलिस अधीक्षक विनीत जयसवाल ने बुधवार दोपहर प्रेस वार्ता कर जानकारी दी कि आरोपित हिमांशु सैनी भजन गायक अजय पाठक की मंडली में पिछले दो ढाई साल से काम करता था और अजय पाठक के यहां आना जाना रहता था। रात में अजय पाठक के यहां रुक भी जाता था। हिमांशु की माली हालत ठीक नहीं चल रही थी। उसके ऊपर कई लोगों का कर्ज हो गया था। उसने बैंक से भी लाखों का लोन ले रखा था जिसकी किस्त जमा न करने पर नोटिस भी जारी हुआ था। वह अजय पाठक से अधिक पारिश्रमिक की मांग करता था,परंतु अजय पाठक केवल मेहनताना ही देते थे।
अपमानित किए जाने पर हत्या की ठानी
एसपी के अनुसार पूछताछ में हिमांशु ने बताया कि उसने अजय पाठक को तकरीबन ₹60000 उधार दे रखे थे। रकम वापस मांगने पर अजय ने उसे अपमानित किया था। सोमवार रात जब हिमांशु ने अपने पैसे मांगे तो अजय पाठक ने अपशब्द कहते हुए डांट दिया। इसके बाद से ही वह क्षुब्ध था। रात में अजय के घर पर ही रुका और तड़के उसने पहली मंजिल पर बने कमरे में सो रहे अजय पाठक के ऊपर घर में ही मौजूद तलवार से कई वार कर उनकी हत्या कर दी। उसी कमरे में सोई अजय की पत्नी स्नेहा के जागने पर उसको भी तलवार से वार कर मौत के घाट उतार दिया। इसके बाद हिमांशु को शक हुआ कि कहीं अजय पाठक की बेटी वसुंधरा और बेटा भागवत को इस हत्या की जानकारी न हो जाए, इसलिए वह तुरंत इसी मंजिल पर दूसरे कमरे में सो रहे वसुंधरा और भागवत के कमरे में पहुंचा। जहां उसने वसुंधरा के ऊपर तलवार से हमला कर उसकी हत्या कर दी। इसी बीच भागवत के जागने पर उसकी भी गला दबाकर हत्या कर दी।
सभी लाशें लगाने थी ठिकाने
इसके बाद उसके मन में विचार आया कि इन सभी की लाशें वह इन्हीं की निजी कार ईको स्पोर्ट में डालकर कहीं ले जाकर ठिकाने लगा देगा जिससे किसी को पता नहीं लग सकेगा। वह भागवत और वसुंधरा को एक-एक कर पहली मंजिल से ग्राउंड फ्लोर पर लेकर आया और बाहर खड़ी इको स्पोर्ट की डिग्गी खोलकर अजय पाठक के 10 वर्षीय बेटे भगवत का शव डिग्गी में डाल दिया। वसुंधरा का शरीर भारी होने के कारण उसे गाड़ी तक नहीं ला सका। वसुंधरा की लाश को नीचे के कमरे में रजाई में ढक कर कमरे को बाहर से ताला लगा दिया। दंपती का शव भी नहीं ले गया। सभी के मोबाइल फोन ले लिए।
पुलिस के डर से प्लान बदला
हिमांशु का प्लान था कि घर के बाहर ताला लगा देखकर तथा ईको स्पोर्ट कार घर पर न होने से पर लोगों को यह लगेगा कि अजय पाठक परिवार सहित करनाल चले गए हैं। रात होने पर वह पुन: अजय के घर पहुंचकर और तीनों लाशों को गाड़ी में रख कर कहीं ले जाकर ठिकाने लगा देगा और नगदी पर हाथ साफ करेगा, परंतु मंगलवार की शाम को घटना की सूचना पुलिस को लगने पर वह डर गया और सबूत मिटाने के उद्देश्य से पानीपत टोल प्लाजा के पास ईको स्पोर्ट में पेट्रोल डालकर आग लगा दी। उसे पानीपत पुलिस ने मौके से ही गिरफ्तार कर लिया। भागवत का शव जली हालत में कार से ही बरामद हुआ।