¨हदी बोलने में न करें शर्म, भाषा है हमारी पहचान
जागरण संवाददाता, शामली: भारत विकास परिषद (शामली महान) की ओर से ¨हदी दिवस पर कार्यक्रम अ
जागरण संवाददाता, शामली: भारत विकास परिषद (शामली महान) की ओर से ¨हदी दिवस पर कार्यक्रम आयोजित किया गया और ¨हदी से जुड़े लोगों को सम्मानित भी किया।
परिषद के अध्यक्ष गिरधारी लाल नारंग ने कहा कि वर्ष 1918 में ¨हदी साहित्य सम्मेलन में महात्मा गांधी ने ¨हदी को राष्ट्र भाषा बनाने की बात कही थी। 14 सितंबर, 1949 में संविधान सभा ने निर्णय लिया था कि ¨हदी ही देश की राजभाषा होगी। 14 सितंबर, 1953 से देशभर में ¨हदी दिवस मनाया जा रहा है।
सचिव मुकेश तायल ने कहा कि आज ¨हदी का पतन हो रहा है, जो ¨चताजनक है। युवा पीढ़ी तो ¨हदी बोलने में झिझक महसूस करती है। कोई अभिभावक अपने बच्चों को ¨हदी में पढ़ाना तक नहीं चाहता। हमें अधिक से अधिक भाषाओं का ज्ञान लेना चाहिए, लेकिन अपनी मातृभाषा ¨हदी की उपेक्षा नहीं करनी चाहिए। भाषा हमारी पहचान होती है। अगर यूं ही ¨हदी का पतन हुआ तो हमारी पहचान पर संकट होगा।
परिषद ने मांग की कि सभी सरकारी कार्यालयों में कामकाज ¨हदी भाषा में हो। साथ ही ¨हदी के संरक्षण व संवर्धन के लिए हमें सामूहिक प्रयास करने होंगे। कार्यक्रम में वरिष्ठ ¨हदी भाषा के विकास व प्रचार में काम करने वाले लोगों व पत्रकार लोकेश पंडित, आनंद प्रकाश, नीरज भार्गव, राजपाल पारवा, दीपक वर्मा, प्रवीण वशिष्ठ, दिनेश भारद्वाज, राव राफे खान को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। इस मौके पर निखिल जैन, राजकुमार जैन, अनुज जैन, विनोद जैन, विरेंद्र संगल, श्रवण संगल, मुकेश गर्ग, भूपेंद्र, जगदीश अरोरा आदि मौजूद रहे।