साहब, पुलिस ऐसी भी होती है...
शामली जेएनएन पुलिस का नाम सामने आते ही लोगों के दिमाग में डंडाधारी पुलिसकर्मी की छवि बन जाती है। लोगों की धारणा बनी हुई है कि पुलिस अपराधियों को गिरफ्तार कर जेल भेजती है लेकिन पुलिस का दूसरा चेहरा भी होता है और वह भी मानवता व इंसानियत को परिचय देने वाला। इस बारे में बहुत ही कम विश्वास करते थे लेकिन लॉकडाउन व्यवस्था में पुलिस का मानवतावादी चेहरा ही देखने को मिल रहा है। दिन रात लॉकडाउन का पालन कराने में व्यस्त पुलिस असहाय गरीबों की मददगार बनकर सामने आई है। गरीबों की भूख मिटाने के लिए पुलिस दिन रात जुटी हुई है। पुलिस के इस चेहरे को देखकर पीड़ित लोग यही कर रहे है कि पुलिस ऐसी भी होती है।
शामली: जेएनएन: पुलिस का नाम सामने आते ही लोगों के दिमाग में डंडाधारी पुलिसकर्मी की छवि बन जाती है। लोगों की धारणा बनी हुई है कि पुलिस अपराधियों को गिरफ्तार कर जेल भेजती है लेकिन पुलिस का दूसरा चेहरा भी होता है, और वह भी मानवता व इंसानियत को परिचय देने वाला। इस बारे में बहुत ही कम विश्वास करते थे, लेकिन लॉकडाउन व्यवस्था में पुलिस का मानवतावादी चेहरा ही देखने को मिल रहा है। दिन रात लॉकडाउन का पालन कराने में व्यस्त पुलिस असहाय, गरीबों की मददगार बनकर सामने आई है। गरीबों की भूख मिटाने के लिए पुलिस दिन रात जुटी हुई है। पुलिस के इस चेहरे को देखकर पीड़ित लोग यही कर रहे है कि पुलिस ऐसी भी होती है।
दरअसल, लॉकडाउन के दौरान गरीब व असहाय लोगों के लिए पुलिस विभिन्न सामाजिक संगठनों की मदद से राशन व खाने की व्यवस्था करा रही है। पुलिस अपने अति व्यस्त समय में भी यह कार्य कर रही है, इसके लिए पुलिस के इस चेहरे ने पुलिस की छवि को बदला है। मंगलवार को महिला थाना प्रभारी नीरज चौधरी ने अपनी टीम के साथ नगर के विभिन्न मोहल्ला में गरीब बच्चों को ब्रेड, बिस्कुट, नमकीन बांटी। कैराना कोतवाली क्षेत्र के गांव दभेडी खुर्द निवासी फिरोज, मोहल्ला अफगानान निवासी वहीदा व नौशाद तथा अकरम, खालिद, झिझाना के गांव वैदखेडी निवासी इमलाख, शामली के गांव करमूखेडी निवासी संजय व बूढ़ाबाबू निवासी संजय, कांधला निवासी सोनू आदि को राशन पहुंचाकर मदद की। हनुमानधाम की और से भूखे गरीब लोगों को खाना खिलाया गया। एएसपी राजेश श्रीवास्तव ने बताया कि पुलिस लॉकडाउन के दौरान पुलिस प्रतिदिन गरीब असहाय लोगों को राशन पहुंचाकर मदद कर रही है।