चेहरे पर आक्रोश और हाथों में दिखा तिरंगा
जागरण संवाददाता, शामली : बच्चा हो, जवान हो, या फिर बूढ़ा हो। हर किसी की आंखों में आंस
जागरण संवाददाता, शामली : बच्चा हो, जवान हो, या फिर बूढ़ा हो। हर किसी की आंखों में आंसू थे। साथ ही सभी के चेहरे पर आक्रोश का भाव भी दिखा। युवाओं के हाथों में तिरंगा था। शहीद अंतिम यात्रा पर थे तो साथ चल रहे लोगों के साथ छतों पर खड़ी महिलाएं भी उनके पार्थिव शरीर पर पुष्पवर्षा कर रही थीं। गगनभेदी नारे गूंज रहे थे कि 'पाकिस्तान मुर्दाबाद-पाकिस्तान मुर्दाबाद', 'खून का बदला खून .. 'इंकलाब ¨जदाबाद'। पहले लोग बनत में प्रदीप प्रजापति के अंतिम संस्कार में शामिल हुए, जिसके बाद रेलपार कालोनी में शहीद अमित के घर की ओर दौड़ पड़े।
सुबह करीब साढ़े छह बजे शहीद प्रदीप व अमित के शव उनके घर पहुंचे। लोगों को पहले से जानकारी थी कि पहले प्रदीप का अंतिम संस्कार होगा तो आठ बजे तक शहीद के घर के बाहर भारी भीड़ जमा थी। अंतिम यात्रा शुरू हुई तो भीड़ बढ़ती चली गई। शामली व आसपास के गांवों से युवा हाथों में तिरंगा लेकर पहुंचे थे। इसके बाद वहीं से लोग अपने-अपने वाहनों से रेलपार भी आ गए। काफी लोग पैदल भी आए। दोनों शहीदों की अंतिम यात्रा में सबसे ज्यादा उपस्थिति युवाओं की ही रही।