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पॉलीथिन पर 'ब्रेक' लगाने में पालिका प्रशासन फेल

जागरण संवाददाता, शामली: भले ही पॉलीथिन पर प्रतिबंध लगा हो और सरकार करोड़ों खर्च कर इस

By JagranEdited By: Published: Mon, 12 Nov 2018 10:24 PM (IST)Updated: Mon, 12 Nov 2018 10:24 PM (IST)
पॉलीथिन पर 'ब्रेक' लगाने में पालिका प्रशासन फेल

जागरण संवाददाता, शामली: भले ही पॉलीथिन पर प्रतिबंध लगा हो और सरकार करोड़ों खर्च कर इस ओर जागरूकता बढ़ाने का काम कर रही हो, लेकिन शामली नगरपालिका क्षेत्र में इसका कोई खास असर देखने को नहीं मिल रहा है। अभियान के शुरूआती दौर में जहां पॉलीथिन प्रतिबंध को लेकर जागरूकता फैलाने के साथ ही कार्रवाई हुई। उससे लग रहा था कि अब पॉलीथिन गुजरे जमाने की बात हो जाएगी, लेकिन हालात इतर ही है। नगरपालिका क्षेत्र में सरेआम पॉलीथिन व डिस्पोजल गिलास का इस्तेमाल किया जा रहा था।

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प्रतिबंध के बाद भी शामली शहर में पॉलीथिन, थर्माकोल व प्लास्टिक के गिलास का प्रयोग होना बंद नहीं हो रहा है। बाजारों में खुलेआम इनका प्रयोग किया जा रहा है। वहीं पालिका अधिकारी चुप्पी साधे हुए है। पालिका ने तीन माह में अभी तक दो से तीन बार ही छोटे स्तर पर अभियान चलाकर केवल तीन से चार किग्रा ही पॉलीथिन जब्त कर जुर्माना वसूल सकी है, लेकिन शहर में सभी प्रतिबंधित सामानों का खुलेआम प्रयोग हो रहा है। प्रदेश सरकार ने पहले पॉलीथिन और 15 अगस्त के बाद थर्माकोल और प्लास्टिक के कुछ सामानों पर्यावरण प्रदूषण के चलते पूर्ण रुप से प्रतिबंध लगा दिया है। वहीं प्रदूषण विभाग ने भी नगर पालिका के अधिकारियों को अभियान चलाकर सभी प्रतिबंधित वस्तुओं पर पूर्ण रुप से उसका प्रयोग बंद कराने के निर्देश दे चुका है। वहीं थर्माकोल और प्लास्टिक के गिलास खुलेआम बेचे जा रहे है। शहर के नाले और नालिया भी पॉलीथिन से अटे पड़े है। वहीं हर चौराहे पर पड़े कूड़े के ढेर भी पॉलीथिन ही पॉलीथिन नजर आ रही है। पालिका की लापरवाही के चलते सरकार के मंसूबों पर पानी फिर रहा है। प्रतिबंध लगे हुए चार माह से भी ज्यादा समय हो गया है, लेकिन पालिका अधिकारियों ने अभी तक दो से तीन बार छोटे स्तर पर अभियान चलाकर केवल तीन से चार किग्रा ही पॉलीथिन जब्त कर जुर्माना वसूला है। वहीं नगर पालिका को भी राजस्व का चूना लग रहा है।

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इन्होंने कहा-

त्योहारों के समय कार्यालय बंद चल रहा था। वहीं कर्मचारी भी व्यस्थ थे। जल्द ही बड़े स्तर पर अभियान चलाकर सभी प्रतिबंधित वस्तुओं का प्रयोग बंद कराया जाएगा।

-सुरेंद्र यादव, अधिशासी अधिकारी।


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