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यमुना पर बाढ़ राहत दल ने डाला डेरा

कैराना क्षेत्र में मानसून में यमुना उफान पर पहुंच जाती है। पिछले वर्षो में कई जगहों पर भूमि कटान के मामले भी सामने आते रहे हैं। इस बार प्रशासन तैयारियों को पुख्ता बनाने में जुटा है। बाढ़ चौकियां स्थापित की गई हैं और यमुना पर बाढ़ राहत दल तैनात कर दिया गया है। यह दल विषम परिस्थिति सामने आने पर तत्काल राहत पहुंचाने का काम करेगा।

By JagranEdited By: Published: Mon, 20 Jul 2020 10:33 PM (IST)Updated: Mon, 20 Jul 2020 10:33 PM (IST)
यमुना पर बाढ़ राहत दल ने डाला डेरा

शामली, जेएनएन। कैराना क्षेत्र में मानसून में यमुना उफान पर पहुंच जाती है। पिछले वर्षो में कई जगहों पर भूमि कटान के मामले भी सामने आते रहे हैं। इस बार प्रशासन तैयारियों को पुख्ता बनाने में जुटा है। बाढ़ चौकियां स्थापित की गई हैं और यमुना पर बाढ़ राहत दल तैनात कर दिया गया है। यह दल विषम परिस्थिति सामने आने पर तत्काल राहत पहुंचाने का काम करेगा।

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मानसून के दौरान क्षेत्र में पूर्व में यमुना नदी भारी तबाही मचा चुकी है। इसी को ध्यान में रखते हुए प्रशासन गंभीर है। प्रशासन के निर्देश पर ड्रेनेज विभाग द्वारा रिजर्व में बल्लियों व बैग की व्यवस्था कराई गई है, कुछ कराई जा रही है। तटबंध जहां से क्षतिग्रस्त लग रहा था, उसकी भी मरम्मत कराने पर ध्यान दिया जा रहा है। उधर, यूपी-हरियाणा बॉर्डर पर यमुना नदी पर बाढ़ राहत दल को तैनात कर दिया गया है। पीएसी 44वीं वाहिनी मेरठ से डेढ़ सेक्शन एचसीपी जशपाल सिंह के नेतृत्व में पहुंचा हैं, जिसमें कुल 12 जवान हैं। यह दल सभी जरूरी संसाधनों से लैस है। एचसीपी जशपाल सिंह ने बताया कि उनके पास मोटर बोट, नाव व जैकेट आदि हैं। उन्होंने बताया कि यदि कोई विषम परिस्थिति आती है तो तत्काल राहत व बचाव कार्य किया जाएगा।

वैसे तो इनके ठहरने की व्यवस्था पानीपत रोड पर बालाजी आईटीआई में की गई है, लेकिन तैनाती यमुना नदी पर गई है। वर्तमान में यमुना नदी सामान्य स्थिति में है, फिर भी जवानों द्वारा कड़ी नजर रखी जा रही है, क्योंकि दो दिन पहले ही यमुना नदी में तीन किशोरों के गहरे कुंड में डूब जाने से मौत हो गई थी।

उधर एसडीएम ने बताया कि मानसून में हर परिस्थिति से निपटने के लिए प्रशासन ने पूरी व्यवस्था की है। अन्य विभागों के कर्मचारियों की भी ड्यूटी लगाई गई है। क्षेत्र में बाढ़ चौकियां भी स्थापित की गई है। 2013 में तबाही झेल चुका यूपी-हरियाणा

वर्ष 2013 में मानसून सत्र में अधिक वर्षा के चलते हथिनीकुंड बैराज से अधिकतम आठ लाख क्यूसेक पानी यमुना में छोड़ दिया गया था, जिसके बाद यमुना नदी बौरा गई थी। उस समय यूपी-हरियाणा बॉर्डर से भी पानी सटकर चल रहा था। इतना ही नहीं, कैराना तहसील क्षेत्र के 26 गांवों में पानी टूट गया था। उधर, हरियाणा में भी तीन जगहों पर भारी भूमि कटान हुआ था। उस साल यमुना नदी से लोगों को भारी बर्बादी का सामना करना पड़ा था।


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