खुलेगी डायलिसिस यूनिट
जिला अस्पताल में किडनी की बीमारी से ग्रस्त मरीजों को डायलिसिस की सुविधा मिल सकेगी। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग ने शासन को प्रस्ताव भेज दिया है। यह सुविधा ट्रिपल पी मोड (पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप) पर होगी।
शामली, जेएनएन। जिला अस्पताल में किडनी की बीमारी से ग्रस्त मरीजों को डायलिसिस की सुविधा मिल सकेगी। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग ने शासन को प्रस्ताव भेज दिया है। यह सुविधा ट्रिपल पी मोड (पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप) पर होगी। इसके लिए एक कंपनी से स्वास्थ्य विभाग की बात हो चुकी है। मरीजों के लिए डायलिसिस पूरी तरह निश्शुल्क होगी।
पूर्वी यमुना नहर पटरी पर मुंडेट गांव के समीप सौ बेड का जिला संयुक्त अस्पताल बन रहा है। बिल्डिग बन चुकी है और अब अन्य काम हो रहे हैं। अस्पताल में डायलिसिट यूनिट के लिए भी प्रक्रिया शुरू हो गई है। परिसर में यूनिट के भवन के लिए जमीन उपलब्ध है और भवन स्वास्थ्य विभाग तैयार करेगा। यूनिट का संचालन दिल्ली की एक संस्था संजीवनी करेगी और विभाग की ओर से संस्था को 800 से 1100 रुपये प्रति डायलिसिस की दर पर भुगतान किया जाएगा। मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. संजय भटनागर ने बताया कि ट्रिपल पी मोड पर यूनिट शुरू की जा सकती है। इस संबंध में शासन से प्रस्ताव भी मांगा गया था, जो भेज दिया गया है। प्रस्ताव स्वीकृत होने के बाद आगे की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। यूनिट में सात बेड होंगे। डायलिसिस रक्त शोधन की एक कृत्रिम विधि होती है। डायलिसिस की प्रक्रिया को तब अपनाया जाता है, जब किसी व्यक्ति के गुर्दे सही से काम नहीं करते हैं। गरीबों को मिलेगी प्राथमिकता
सीएमओ डॉ. संजय भटनागर ने बताया कि जिला अस्पताल में डायलिसिस सभी के लिए निश्शुल्क होगी। अगर कभी एक वक्त में सात से अधिक मरीज होंगे तो इसमें आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के मरीजों को प्राथमिकता दी जाएगी। अगले माह शुरू हो सकती है ओपीडी
जिला अस्पताल में ओपीडी जुलाई से शुरू करने की योजना था, लेकिन इस माह यह संभव नहीं हो पा रहा है। सीएमओ ने बताया कि अगले माह यानी अगस्त में कोशिश कर रहे हैं कि ओपीडी शुरू कर दें। दूसरे में शहरों में जाना पड़ता है मरीजों को
शामली में एक निजी अस्पताल में ही डायलिसिस की सुविधा है। ऐसे में काफी मरीजों को मुजफ्फरनगर, मेरठ, सहारनपुर और हरियाणा की ओर रुख करना पड़ता है। निजी अस्पतालों में एक डायलिसिस का खर्च आठ से दस हजार रुपये आता है।