रिकार्ड में मिली खामियां, सीएमएस से जवाब तलब
संवाद सूत्र, कैराना : सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का निरीक्षण करने पहुंचे उच्च शिक्षा विभाग के ि
संवाद सूत्र, कैराना : सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का निरीक्षण करने पहुंचे उच्च शिक्षा विभाग के विशेष सचिव एवं जनपद शामली के नोडल अधिकारी नरेन्द्र शंकर पांडेय ने ओपीडी रिकार्ड में त्रुटियां मिलने पर सीएमएस को जमकर फटकार लगाई व लिखित स्पष्टीकरण मांगा। उन्होंने सीडीओ को आदेश दिए कि सीएमएस का दो माह का इंक्रीमट रोक दिया जाए। नोडल अधिकारी का रुख देख सीएचसी अधिकारी व कर्मचारी सहम गए।
सोमवार सुबह नोडल अधिकारी नरेन्द्र शंकर पांडेय सीएचसी पर सबसे पहले अस्पताल के औषद्यी कक्ष पहुंचे। यहां रखी दवाइयों गहन निरीक्षण किया। फार्मासिस्ट से मौजूद दवाइयों की जानकारी ली। हास्पिटल में आए मरीजों से भी दवाइयां मिलने की जानकारी ली। गांव भूरा निवासी इरशाद ने विशेष सचिव से शिकायत की कि दो जनवरी से वह खुजली की दवाई को अस्पताल के चक्कर काट रहा है, लेकिन आज तक दवाई नहीं मिली। विशेष सचिव ने चिकित्साधीक्षक को उसे तुरन्त खुजली की दवाई उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। अस्पताल में बने ओपीडी कक्ष, प्राथमिक चिकित्सा कक्ष एवं जनरल वार्ड भी निरीक्षण किया। उन्होंने प्रसव कक्ष में भर्ती महिलाओं से प्रसव के उपरांत शासन की ओर से मिलने वाले आर्थिक अनुदान एवं हास्पिटल कर्मियों के व्यवहार की जानकारी ली। अंत में उन्होंने सीएमएस भानू प्रकाश एवं वरिष्ठ चिकित्सक सलीम अहमद से पुराना ओपीडी रिकार्ड दिखाने को कहा। दोनों चिकित्सक एक-दूसरे का मुंह ताकने लगे। वह जनवरी माह का ओपीडी रिकॉर्ड ही पेश कर पाए। रिकॉर्ड में त्रुटियां देख विशेष सचिव का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच गया। उन्होंने इसे लापरवाही बताते हुए सीएमएस को जमकर लताड़ लगाई। विशेष सचिव ने चिकित्सा प्रभारी को एक माह के भीतर ओपीडी रिकॉर्ड की त्रुटियां सही करने के निर्देश दिया। आदेश का पालन नहीं होने पर सीडीओ को सीएमएस की दो माह की वेतन वृद्धि वापस भेजने को कहा। विशेष सचिव के निरीक्षण से हॉस्पिटल स्टाफ में अफरा-तफरी का माहौल नजर आया। नेत्र चिकित्सक नहीं होने पर ¨चता जतायी। इस दौरान सीडीओ विवेक त्रिपाठी, सीएमओ राजकुमार, एसडीएम डॉ. अमित पाल शर्मा, शामली सीओ सिटी एके ¨सह, तहसीलदार रणबीर ¨सह मौजूद रहे। चिकित्सकों की तैनाती पर टाल गए विशेष सचिव
निरीक्षण के दौरान विशेष सचिव से अस्पताल में खाली पड़े चिकित्सकों के पदों पर तैनाती की जानकारी मांगी तो वह कोई संतुष्टिजनक जवाब नहीं दे पाए। वह मात्र इतना ही बता पाए कि पूरे प्रदेश में चिकित्सकों की कमी है।