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अस्पताल में डेंगू, चिकनगुनिया का खतरा

शामली जेएनएन संचारी रोग नियंत्रण अभियान चल रहा है लेकिन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) शामली में ही डेंगू के अलावा चिकनगुनिया और जीका वायरस का बड़ा खतरा है। यहां पर एडीज मच्छर का भारी मात्रा में लार्वा और प्यूपा मिला है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 20 Sep 2019 10:55 PM (IST)Updated: Fri, 20 Sep 2019 10:55 PM (IST)
अस्पताल में डेंगू, चिकनगुनिया का खतरा
अस्पताल में डेंगू, चिकनगुनिया का खतरा

शामली, जेएनएन: संचारी रोग नियंत्रण अभियान चल रहा है, लेकिन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) शामली में ही डेंगू के अलावा चिकनगुनिया और जीका वायरस का बड़ा खतरा है। यहां पर एडीज मच्छर का भारी मात्रा में लार्वा और प्यूपा मिला है। सीएचसी के इमरजेंसी कक्ष से लेकर चिकित्सा अधीक्षक कार्यालय और चिकित्सकों व कर्मचारियों के आवासों में लगे कूलर में लार्वा और प्यूपा की भरमार है। यानी साफ है कि यहां उपचार कराने आने वाले मरीज और तीमारदार कतई सुरक्षित नहीं हैं।

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केंद्र सरकार के राष्ट्रीय वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम (एनवीबीडीसीपी) की टीम शुक्रवार को शामली पहुंची। शुरुआत सीएचसी से ही की और टीम भी हाल देखकर चौंक गई। इमरजेंसी कक्ष में लगे कूलर की तो पता नहीं कब से सफाई नहीं की गई थी और अन्य की भी स्थिति यही थी। एनवीबीडीसीपी के मलेरिया इंस्पेक्टर राजकुमार ने बताया कि एडीज मच्छर डेंगू के साथ चिकनगुनिया और जीका वायरस भी फैलाता है। लार्वे और प्यूपा को नष्ट करने के लिए जिला मलेरिया अधिकारी को कहा गया है। रिपोर्ट केंद्र सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय को सौंपी जाएगी।

रेलवे कॉलोनी में एनाफिलीज का भी मिला लार्वा

रेलवे कॉलोनी में भी एडीज के साथ मलेरिया बुखार फैलाने वाले मच्छर एनोफिलीज का भी लार्वा मिला है। एनवीबीडीसीपी के इंसेक्ट कलेक्टर मनीष कुमार ने बताया कि रेलवे कॉलोनी में करबी 20 घरों में चेकिग की गई। कूलर में एडीज का लार्वा और प्यूपा तो हर जगह मिला। कुछ स्थानों पर एनाफिलीज मच्छर का लार्वा भी मिला है। इसके अलावा झिझाना रोड पर पूर्वी यमुना नहर पुल के पास लोक निर्माण विभाग के गोदाम में जाकर भी चेकिग की गई। कोलतार के ड्रमों में बारिश का पानी भरा था और डेंगू के मच्छर का भारी मात्रा में लार्वा मिला है। गगन विहार और मोहल्ला पंसारियान के भी कई घरों के कूलरों, ड्रम, गमलों और अन्य कंटेनरों में यही स्थिति मिली है।

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जिला मलेरिया अधिकारी को दी सौंपी

एनवीबीडीसीपी की टीम ने चेकिग के बाद एक सूची जिला मलेरिया अधिकारी को सौंपी है। इसमें उन सभी स्थानों की जानकारी है, जहां पर डेंगू, मलेरिया फैलाने वाले मच्छरों का लार्वा मिला है। एंटी लार्वा का छिड़काव कराने के लिए कहा है।

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नोटिस होंगे जारी

जिला मलेरिया अधिकारी डॉ. विनय कुमार का कहना है कि सभी को जागरूक किया जाता है कि कूलर, टायर या किसी भी कंटेनर में भरे को पानी का एक सप्ताह में फेंक दें। सीएचसी चिकित्सा अधीक्षक के साथ उन सभी चिकित्सकों और कर्मचारियों को भी नोटिस जारी कर रहे हैं, जिनके क्वार्टर में लार्वा और प्यूपा मिला है।

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आठ दिन में बन जाता है मच्छर

एनवीबीडीसीपी के इंसेक्ट कलेक्टर मनीष कुमार ने बताया कि अंडे के बाद लार्वा, लार्वे के बाद प्यूपा और प्यूपा के बाद एडीज मच्छर बन जाता है। प्यूपा बनने की प्रक्रिया में सात दिन का वक्त लगता है और प्यूपा से मच्छर बनने में एक दिन या 24 घंटे ही लगते हैं। मच्छर बनने के बाद उड़ जाता है और यह दिन में काटता है।

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खतरनाक है एडीज और एनाफिलीज मच्छर

डेंगू: यह मादा एडीज इजिप्टी मच्छर काटने से होता है। इस रोग में तेज बुखार के साथ शरीर पर लाल चकते पड़ते हैं। सिर के साथ पूरे शरीर में दर्द होता है। भूख कम लगती है और कमजोरी आती है। जी मिचलाने के साथ उल्टी दस्त भी हो सकते हैं। चिकनगुनिया:एडीज मच्छर चिगनगुनिया के वायरस को भी फैलाते हैं। जोड़ों में तेज दर्द होता है, तेज बुखार भी आता है और लाल रंग के चकत्ते पड़ने के साथ इनमें खुजली व जलन भी होती है।

मलेरिया: यह बीमारी एनाफिलीज के काटने से होता है। सर्दी लगने के साथ बुखार आता है। शरीर में कमजोर बढ़ती जाती है। सांस लेने में भी तकलीफ हो सकती है। सिर और मांसपेशियों में दर्द रहता है।

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ऐसे करें बचाव:

मच्छरों को पनपने न दें। कूलर, बाल्टी, गमलों आदि में पानी को ज्यादा समय तक भरा न रहने दें और एक हफ्ते भी खाली कर दें। साथ ही किसी भी कंटेनर में पानी भरा रहता है तो इसमें मिट्टी तेल या पेट्रोल भी डाल दें। शरीर को कपड़े से ढक कर रखें। साफ पानी पिएं। अगर आसपास कहीं गड्ढ़ा है तो उसे मिट्टी से पाट दें। पानी को कहीं भी जमा न होने दें।


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