शामली समेत नौ नगर निकायों के प्रदर्शन में मामूली सुधार
स्वछता सर्वेक्षण-2021 का परिणाम जारी हो गया है। शामली समेत सभी नगर निकायों के प्रदर्शन में थोड़ा सुधार हुआ है लेकिन बनत का प्रदर्शन पिछड़ा है। नगर पालिका परिषद शामली की एक लाख से 10 लाख आबादी वाले शहरों में देश में 301 वीं रैंक आई है जबकि पिछले साल 342 वीं रैंक थी। एक लाख से अधिक आबादी वाले शहरों को राष्ट्रीय सर्वेक्षण में शामिल किया गया जिसमें जिले में सिर्फ शामली शहर है।
शामली, जेएनएन। स्वच्छता सर्वेक्षण-2021 का परिणाम जारी हो गया है। शामली समेत सभी नगर निकायों के प्रदर्शन में थोड़ा सुधार हुआ है, लेकिन बनत का प्रदर्शन पिछड़ा है। नगर पालिका परिषद शामली की एक लाख से 10 लाख आबादी वाले शहरों में देश में 301 वीं रैंक आई है, जबकि पिछले साल 342 वीं रैंक थी। एक लाख से अधिक आबादी वाले शहरों को राष्ट्रीय सर्वेक्षण में शामिल किया गया, जिसमें जिले में सिर्फ शामली शहर है। अन्य नगर निकाय नार्थ जोन में शामिल हैं।
कोरोनाकाल के चलते इस बार स्वच्छता सर्वेक्षण जनवरी के बजाय मार्च में शुरू हुआ था। एक से 31 मार्च के बीच सर्वेक्षण के लिए टीम आई और सफाई व्यवस्था को विभिन्न मानकों पर परखा गया। साथ ही लोगों से फीडबैक भी लिया गया। जिले में 10 नगर निकाय हैं। शामली, कैराना, कांधला नगर पालिका परिषद और ऊन, जलालाबाद, एलम, गढ़ीपुख्ता, झिझाना, थानाभवन व बनत नगर पंचायत है।
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तीन साल के स्वच्छता सर्वेक्षण में स्थिति
नगर निकाय, रैंक-2021, रैंक- 2020, रैंक- 2019
शामली नगर पालिका,301, 342, 211
कैराना नगर पालिका, 80, 82, 313
कांधला नगर पालिका, 50, 123, 465
जलालाबाद नगर पंचायत, 141, 520 , 182
गढ़ीपुख्ता नगर पंचायत,393, 466, 145
झिझाना नगर पंचायत, 336, 460, 301
ऊन नगर पंचायत, 428, 448, 474
बनत नगर पंचायत, 307, 240, 48
थानाभवन नगर पंचायत, 62, 115, 101
एलम नगर पंचायत, 408, 527, 399
(नोट: शामली नगर पालिका का स्थान देश में है और अन्य नगर निकायों का स्थान नार्थ जोन में हैं)
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लगातार गिर रहा बनत का प्रदर्शन
नगर पंचायत बनत की वर्ष 2018 में नार्थ जोन में 22 वीं रैंक थी। 2019 में 48 वीं और 2020 में 240 वीं रैंक थी। इस बार 307 वीं रैंक आई है।
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-एक लाख से अधिक आबादी वाले शहर में शामली शामिल रहा
- 50 हजार से एक लाख तक आबादी वाले शहरों में कैराना शामिल रहा।
- 25 से 50 हजार तक आबादी वाले शहर में कांधला और थानाभवन रहा।
-25 हजार तक आबादी वाले शहरों में जिले के अन्य निकाय शामिल रहे।
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इन प्रमुख मानकों पर हुआ सर्वेक्षण
-शहर में सफाई व्यवस्था का हाल।
-डोर-टू-डोर कूड़ा संग्रह।
-नालों की सफाई।
-गीला-सूखा कूड़ा अलग करना।
-सामुदायिक व सार्वजनिक शौचालयों की स्थिति
-कूड़े का निस्तारण
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उत्साहित करने वाले नहीं हैं परिणाम
भले ही नौ नगर निकायो की रैंक में थोड़ा-थोड़ा सुधार हुआ है। लेकिन परिणाम उत्साहित करने वाले नहीं हैं। क्योंकि सफाई व्यवस्था का हाल किसी से छिपा भी नहीं है। हालांकि सर्वेक्षण के दौरान स्थिति कुछ बेहतर जरूर रहती है। लेकिन कूड़ा निस्तारण की व्यवस्था कहीं नहीं है। ऐसे में सूखा-गीला कूड़ा भी अलग-अलग एकत्र नहीं होता है। अगर उक्त व्यवस्था होती तो और बेहतर रैंक मिल सकती थी।
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इन्होंने कहा..
सफाई व्यवस्था को बेहतर करने का प्रयास लगातार किया जा रहा है। कूड़ा निस्तारण प्लांट का निर्माण कार्य भी जल्द शुरू होने की उम्मीद है। इसके बाद सूखा-गीला कूड़ा भी अलग-अलग लिया जाएगा। शहर के काफी वार्डो में मोहल्ला समितियों का गठन भी कराया गया है।
-सुरेंद्र यादव, अधिशासी अधिकारी, नगर पालिका परिषद शामली बनत को छोड़ दें तो अन्य सभी नगर निकाय के प्रदर्शन में सुधार हुआ है। सफाई व्यवस्था को बेहतर करने के लिए एमआरएफ सेंटर भी बनाए जा रहे हैं, जिसका सर्वेक्षण में फायदा मिला। शामली शहर ओडीएफ-प्लस में भी शामिल हो गया है। कूड़ा निस्तारण की समुचित व्यवस्था होने पर आगामी सर्वेक्षण में निश्चित रूप से और बेहतर परिणाम आएंगे।
-उत्तम सिंह पुनिया, जिला समन्वयक, स्वच्छ भारत मिशन
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