परेशानियां अनेक,समाधान सिर्फ एक रोजी-रोटी..
महामारी के साथ कोरोना वायरस का संक्रमण तेजी से फैल रहा है। लॉकडाउन के चलते रोजगार ठप हुआ तो गांव की याद आई। गांव में लौटे भी तो बेबसी की हालत देख आसपास के लोगों का व्यवहार बदल गया है। संकट की घड़ी में किसी का साथ नही मिल रहा है।
शामली, जेएनएन। महामारी के साथ कोरोना वायरस का संक्रमण तेजी से फैल रहा है। लॉकडाउन के चलते रोजगार ठप हुआ तो गांव की याद आई। गांव में लौटे भी तो बेबसी की हालत देख आसपास के लोगों का व्यवहार बदल गया है। संकट की घड़ी में किसी का साथ नही मिल रहा है। परेशानियां तो अनेक है,फिलहाल यदि लॉकडाउन में रोजी-रोटी मिल जाए तो समाधान हो जाएगा। राशन कार्ड के जरिए राशन तो आ रहा है। और अन्य कोई सरकारी मदद नही मिली है।
क्या बोले प्रवासी :
कैराना क्षेत्र के गांव अकबरपुर सुन्हेटी निवासी इरशाद बताते है कि वह परिवार में सात लोग है। कामकाज के लिए पानीपत में कपडे़ का कार्य कर रहे थे। कोरोना महामारी के कारण लॉकडाउन होने के चलते पिछले एक माह से कामकाज बंद होने से अपने वापस गांव आ गए है। खाने-कमाने की बड़ी परेशानी बन गई है। राशन तो मिल जाता है,लेकिन पूरे माह मिले राशन से काम नही चलता है। पत्नी के खाते में 500 रुपये भी आए थे। अन्य कोई सरकारी मदद नही मिल रही है। फिलहाल घर चलाने के लिए बड़ी परेशानी बन गई है। यदि लॉकडाउन के बीच रोजी-रोटी का इंतजाम हो जाए तो फिलहाल की समस्याओं का समाधान हो जाएगा।
-इरशाद,निवासी अकबरपुर सुन्हेटी
कैराना के क्षेत्र के गांव अकबपुर सुन्हेटी निवासी खालिद ने बताया कि वह लॉकडाउन से पूर्व पंजाब में रहकर लोहे का काम करता था। परिवार में छह लोग है। घर का खर्चा वह ही चला रहे थे। लॉकडाउन हुआ तो रोजगार ठप हो गया है। अब वह पिछले एक माह से अपने गांव आ गए है। कामकाज बंद होने से रोजी-रोटी की समस्या खड़ी हो गई है। सरकारी कोई मदद तो नही मिल पा रही है। केवल हर माह राशन मिल जाता है। रोजगार ठप होने से बड़ी परेशानी खड़ी हो गई है। किसी भी तरह से कोई समाधान नही हो रहा है। कोई रोजी-रोटी का साधन हो जाए तो समाधान हो जाएगा।
-खालिद,निवासी अकबरपुर सुन्हेटी