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मिडटाउन ने प्रशासन को सौंपी हेल्थ किट

रोटरी क्लब शामली मिडटाउन एवं मां सावित्री अस्पताल की ओर से डिप्टी कलेक्टर निकिता शर्मा को हेल्थ किट सौंपी है। उद्देश्य यह है कि प्रशासन के माध्यम से किट जरूरतमंद लोगों को मिल सके।

By JagranEdited By: Published: Wed, 23 Jun 2021 10:55 PM (IST)Updated: Wed, 23 Jun 2021 10:55 PM (IST)
मिडटाउन ने प्रशासन को सौंपी हेल्थ किट

शामली, जागरण टीम। रोटरी क्लब शामली मिडटाउन एवं मां सावित्री अस्पताल की ओर से डिप्टी कलेक्टर निकिता शर्मा को हेल्थ किट सौंपी है। उद्देश्य यह है कि प्रशासन के माध्यम से किट जरूरतमंद लोगों को मिल सके।

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रोटरी क्लब शामली मिडटाउन के अध्यक्ष डा. रीतिनाथ शुक्ला और प्रोजेक्ट चेयरमैन नीलम शुक्ला बुधवार को कलक्ट्रेट गए थे। उन्होंने बताया कि हेल्थ एवं न्यूट्रिशन किट में सैनिटाइजर, एंटी आक्सीडेंट सिरप, विटामिन-बी कांप्लेक्स का सिरप, विटामिन-सी, आयरन, कैल्शियम व जिक की गोलियां हैं। साथ ही ओआरएस के पैकेट भी हैं। इससे पहले भी संस्था की ओर से जरूरतमंद लोगों के लिए कोरोनाकाल में इस तरह की किट दी गई है।

लाकडाउन की अवधि में भी लोगों की मदद की गई थी और अब भी मदद का कार्य जारी है। यह विषम काल है और समाज के सक्षम लोगों व संस्थाओं को जरूरतमंद लोगों की मदद के लिए आगे आना चाहिए। उन्होंने सभी से अपील की है कि कोरोना से बचाव के लिए सावधानी बरतें। मास्क लगाए बिना बाहर न निकलें, हाथों को बार-बार धोएं, शारीरिक दूरी का ध्यान रखें और वैक्सीन जरूर लगवाएं। डिप्टी कलेक्टर निकिता शर्मा ने भी क्लब के कार्यों की सराहना की। गन्ना भुगतान को तैयार होगी आंदोलन की रणनीति

जागरण संवाददाता, शामली : भारतीय गन्ना किसान संघ की मेरठ रोड स्थित कार्यालय में बैठक हुई। बैठक में गन्ना भुगतान समेत विभिन्न मुद्दों पर चर्चा हुई। संगठन ब्याज समेत भुगतान की मांग को लेकर जल्द ही आंदोलन की रणनीति तैयार करेगा।

संगठन के अध्यक्ष अनिल मलिक ने कहा कि पेराई सत्र खत्म हुए भी काफी समय हो गया है, लेकिन अभी तक महज 30 फीसद ही भुगतान हुआ है। 14 दिन में भुगतान न होने पर ब्याज मिलने का प्रावधान है, लेकिन ब्याज का कोई अता-पता नहीं है। किसानों के सामने आर्थिक संकट है। कर्ज के जाल में किसान फंसता जा रहा है। फसल और घर के खर्चाें के लिए कर्ज लेना पड़ता है।

उन्होंने कहा कि सरकार को कोई चिता नहीं है। चार साल से गन्ने का भाव एक रुपया नहीं बढ़ाया और न ही भुगतान 14 दिन में कराने का वायदा पूरा किया है। बढ़ती लागत के हिसाब से इस बार गन्ने का भाव 450 रुपये प्रति कुंतल होना ही चाहिए। बेसहारा पशुओं के कारण भी किसान हलकान है। पशु फसलों को नष्ट कर रहे हैं। आंदोलन की रणनीति के लिए जल्द ही बैठक बुलाई जाएगी। बैठक में सुधीर मलिक, प्रवीण कुमार, गौरव, बीरपाल आदि मौजूद रहे।


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