शामली का होगा नियोजित विकास, मास्टर प्लान को एजेंसी ने किया सर्वे
शहर के विकास को पंख लगने की उम्मीद जगी है। मास्टर प्लान तैयार करने के लिए एजेंसी अलमेंड्स ग्लोबल की टीम ने शहर के बाजारों अस्पतालों कॉलोनियों सड़कों रोडवेज बस स्टैंड व औद्योगिक क्षेत्र आदि का सर्वे कर लिया है।
शामली, जेएनएन। शहर के विकास को पंख लगने की उम्मीद जगी है। मास्टर प्लान तैयार करने के लिए एजेंसी अलमेंड्स ग्लोबल की टीम ने शहर के बाजारों, अस्पतालों, कॉलोनियों, सड़कों, रोडवेज बस स्टैंड व औद्योगिक क्षेत्र आदि का सर्वे कर लिया है। नगर पालिका से पेयजल आपूर्ति व्यवस्था का ब्योरा एजेंसी ले चुकी है और भूमि उपयोग के बारे में भी डाटा मांगा गया है। जल्द ही शहर के आसपास के क्षेत्रों का दौरा करने के लिए भी टीम आएगी। इससे भविष्य की जरूरत के मुताबिक विकास का खाका तैयार होगा। इसके बाद सुविधाओं को विकसित किया जाएगा।
नगर पालिका में अमृत योजना के टाउन प्लानर जोगेंद्र सिंह ने बताया कि हाल ही में एजेंसी की टीम ने आकर प्रथम चरण का सर्वे किया है। टीम को नगर पालिका से संबंधित जानकारियां मुहैया करा दी गई हैं। एजेंसी ने अन्य विभागों से भी डाटा एकत्र किया है। शहर का दायरा लगातार बढ़ रहा है। शहरी क्षेत्र से सटे गांवों को मास्टर प्लान में शामिल किया जाएगा। इसके अनुरूप नियोजित विकास का खाका तैयार होगा।
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20 साल आगे की सोचकर बन रहा प्लान
वर्ष 2041 के हिसाब से मास्टर प्लान तैयार हो रहा है। आबादी के लिहाज से पेयजल की व्यवस्था, आने वाले वक्त में बिजली के लिए संसाधनों की व्यवस्था, ट्रांसपोर्टेशन का मजबूत प्रबंध, स्वास्थ्य सेवाओं को दुरुस्त करना, सीवरेज प्रबंधन पर फोकस रहेगा। इसके अलावा प्लान में यह तय होगा कि किस भूमि का क्या उपयोग किया जाएगा। ऐसा नहीं होगा कि कोई कहीं भी कॉलोनी काट दे या कोई कहीं भी अस्पताल, फैक्ट्री या स्कूल आदि बना दे। पर्यावरण संरक्षण के लिए पौधरोपण भी प्लान का हिस्सा होगा। बढ़ती आबादी के अनुसार यह भी देखा जा रहा है कि सड़कों पर वाहनों का दबाव किस गति से बढ़ रहा है और भविष्य में क्या स्थिति होगी।
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ये गांव बन सकते हैं शहरी क्षेत्र का हिस्सा
शहर के आसपास के गोहरनी, सिभालका, मुंडेट, भैंसवाल, गोहरनी, खेड़ीकरमू, टिटौली, बधैव, लिलौन, कंडेला, बामनौली, कुड़ाना आदि गांव मास्टर प्लान का हिस्सा हो सकते हैं। गोहरनी और मुंडेट गांव के पास ही कलक्ट्रेट समेत तमाम जिला स्तरीय कार्यालय बन रहे हैं। साथ ही कुछ कार्यालय शुरू भी हो गए हैं। नगर पालिका व शहर से सटे गांवों को पालिका क्षेत्र में शामिल करने की कसरत कर रही है। इसके लिए प्रस्ताव तैयार करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है।
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अनाधिकृत कॉलोनियों की भरमार
सितंबर 2011 में शामली जिला बना और जमीनों के दाम काफी बढ़ गए। प्राइवेट कॉलोनियां विकसित की गई, जिनमें अधिकांश अवैध हैं। शामली का मास्टर प्लान न होने के कारण ऐसा हुआ। यहां 40 से अधिक कॉलोनियां अवैध हैं।
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रीजनल प्लान भी हो रहा तैयार
रीजनल प्लान-2041 बनाने का काम भी शुरू हो चुका है। शामली एनसीआर का हिस्सा है। एनसीआर प्लानिग बोर्ड इस कार्य को कर रहा है, हालांकि इस संबंध में अभी तक नगर पालिका से कोई संपर्क नहीं किया गया है, लेकिन संबंधित टीम शामली में आकर जरूरी जानकारी जुटा चुकी है। यह प्लान भी वर्ष 2041 के हिसाब से ही बन रहा है। इसमें भी नियोजित विकास का खाका तैयार होगा। 2017 में शामली एनसीआर में शामिल हुआ था।