महिला स्वास्थ्यकर्मियों ने सीएमएस पर लगाए गंभीर आरोप
कैराना: कस्बे में स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर तैनात स्वास्थ्यकर्मियों ने अपने ही सीएमएस के
कैराना: कस्बे में स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर तैनात स्वास्थ्यकर्मियों ने अपने ही सीएमएस के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। यहां तैनात दर्जनों स्वास्थ्यकर्मियों ने हस्ताक्षरित एक शिकायती-पत्र प्रदेश के मुख्यमंत्री व स्वास्थ्य विभाग के उच्चाधिकारियों को भेजा है।
नगर के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर तैनात प्रमिला देवी, लीला देवी, प्रमोद कुमार, सत्यभामा, उर्मिला, इंदूकांत, परमेश्वरी व सुभद्रा शर्मा आदि दर्जनभर स्वास्थ्यकर्मियों ने प्रदेश के मुख्यमंत्री, मुख्य चिकित्साधिकारी, डीएम, कमिश्नर, स्वास्थ्य व परिवार कल्याण सहारनपुर मंडल के अपर निदेशक को एक शिकायती-पत्र भेजा है। इसमें केंद्र के सीएमएस पर आरोप लगाया है कि उनके द्वारा अस्पताल में तैनात 108 व 102 एंबुलेंस के कर्मचारियों पर गाइडलाइन के विरुद्ध कार्य करने के लिए दबाव बनाया जाता है। ऐसा न करने पर कार्रवाई की धमकी देते है।
अस्पताल में तैनात स्टाफ से जीपीएफ व अन्य भुगतान पर सुविधा शुल्क की मांग की जाती है। पूरे माह ड्यूटी पर आने के बावजूद स्वास्थ्यकर्मियों की तनख्वाह रोक दी जाती है। पूरी तनख्वाह निकलवाने की एवज में पैसे की मांग की जाती है। आकस्मिक अवकाश लेने पर भी पैसे मांगते हैं और न दिए जाने पर अवकाश को अनुपस्थिति में बदल दिया जाता है। गाली-गलौज व अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया जाता है। सीएमएस उनके विरुद्ध एससी-एसटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कराने की धमकी देते है। स्वास्थ्यकर्मियों ने जांच कराकर कार्रवाई की मांग की। सीएमएस ने कहा कि विभागीय नियमों का पालन कराने पर उनके पर आरोप लगाये गए है। आरोप निराधार व बेबुनियाद है।
भड़की महिला सहकर्मी
बुधवार को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र परिसर स्थित सरकारी आवास में रह रही एएनएम को कोतवाली पुलिस द्वारा अवैध निर्माण के आरोप में हिरासत में ले लिया गया। सूचना पर जनपद के अन्य अस्पतालों में तैनात आधा दर्जन से ज्यादा एएनएम बुधवार शाम ही प्रदेश की मातृ शिशु कल्याण महिला कर्मचारी संघ की जिलाध्यक्ष लोकेश चौधरी के नेतृत्व में कैराना कोतवाली पहुंची। एएनएम को छोड़ने के लिए जमकर हंगामा किया। पुलिस ने एएनएम को कोतवाली लाकर अन्य एएनएम के सुपुर्द कर दिया।
कैराना कोतवाल का कहना है कि पुलिस द्वारा महिला एएनएम को हिरासत में नही लिया गया था बल्कि अस्पताल में तैनात चिकित्सक ही उन्हें लेकर कोतवाली आये थे। एएनएम पर अपने आवास के सामने बगैर अनुमति के अवैध निर्माण का आरोप है।