शामली में बेअसर रही महाहड़ताल
जागरण संवाददाता, शामली : जिले में पुरानी पेंशन की मांग को लेकर बुधवार को राज्यकर्मचारियो
जागरण संवाददाता, शामली : जिले में पुरानी पेंशन की मांग को लेकर बुधवार को राज्यकर्मचारियों की हड़ताल जिले में बेअसर रही। पुरानी पेंशन बहाली मंच के आह्वान पर आहूत हड़ताल का कोई खास असर नहीं दिखा। हालांकि लोक निर्माण विभाग में ही कार्मिक हड़ताल पर रहे और प्रदर्शन कर धरना दिया, लेकिन इनके धरने से कोई खासा प्रभाव दिखाई नहीं दिया। वहीं दूसरी ओर जिलाधिकारी अखिलेश ¨सह व पुलिस अधीक्षक अजय कुमार ने कई प्राथमिक विद्यालय, लोनिवि कार्यालय, सरकारी अस्पताल का निरीक्षण किया, जहां कर्मियों की हड़ताल नहीं दिखी।
उत्तर प्रदेश में पुरानी पेंशन बहाली के लिए बुधवार को जिले में हड़ताल का कोई खास प्रभाव नहीं दिखा। हड़ताल रखने पर कर्मचारियों व शिक्षकों पर एस्मा की कार्रवाई और नो वर्क नो पेमेंट के साथ ही कर्मचारी आचरण नियमावली के तहत डीएम ने कार्रवाई की चेतावनी दी थी, जिसके चलते शामली में हड़ताल का असर कम ही दिखा। यहां केवल लोक निर्माण विभाग में कुछ कर्मचारियों ने हड़ताल रखी। हड़ताल के मद्देनजर डीएम अखिलेश ¨सह व एसपी अजय कुमार निरंतर विभागों में चे¨कग करते रहे। जिलाधिकारी ने कहा कि सभी जगहों पर सुचारू रूप से कार्य चल रहा है। कैराना में एक इंटर कॉलेज के शिक्षकों ने जरूर प्रदर्शन किया। कोई बड़ा प्रदर्शन या सभा जिले में नहीं हो पायी। डीएम-एसपी पूरे दिन हड़ताल पर नजर बनाए रहे तथा अधिकारियों से जानकारी लेते रहे। डीएम ने कहा कि हड़ताल में शामिल रहने वाले अधिकारियों व कर्मियों को पहले चेतावनी दी गई थी, इसका उल्लंघन करने वालों पर कार्रवाई की जाएगी। लोनिवि कर्मियों की रही हड़ताल
पुरानी पेंशन बहाली की मांग को लेकर लोनिवि कार्यालय पर कर्मियों ने धरना प्रदर्शन करते हुए हड़ताल में हिस्सा लिया। डिप्लोमा इंजीनियर्स महासंघ के आह्वान पर कर्मी हड़ताल पर रहे। इस दौरान पुरानी पेंशन बहाली के लिए नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन किया। कर्मियों ने कहा की पुरानी पेंशन बहाली उनका हक है और इसे वे लेकर ही रहेंगे। धरने पर कन्हैय्या लाल, सोमांशु, सुरेंद्र कुमार, देवप्रकाश, बिजेंद्र, दीपक, संदीप, सतीश, संजय, अर¨वद, सुरेशपाल, रामकुमार आदि शामिल रहे।
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इस मांग को लेकर चल रहा आंदोलन
उत्तर प्रदेश के सभी कर्मचारियों की मांग है पुरानी पेंशन योजना फिर से लागू की जाए। दरअसल, केंद्र सरकार ने साल 2004 में नेशनल पेंशन स्कीम की शुरूआत की थी। इस स्कीम के लागू होने के बाद जो सरकारी कर्मचारी बहाल हुए वो सभी पुरानी पेंशन स्कीम की जगह एनपीएस के तहत आ गए। एनपीएस में आने के बाद सरकारी कर्मचारी पुरानी पेंशन स्कीम की मांग इसलिए कर रहे हैं, क्योंकि पुरानी स्कीम में कर्मचारियों का कोई कंट्रीब्यूशन नहीं है और तय पेंशन की गारंटी भी है।