श्रद्धालुओं ने किया महादेव का अभिषेक
शामली महाशिवरात्रि श्रद्धा और उल्लास के साथ मनाई गई। शहर के तमाम मंदिरों में अलसुबह से ह
शामली: महाशिवरात्रि श्रद्धा और उल्लास के साथ मनाई गई। शहर के तमाम मंदिरों में अलसुबह से ही श्रद्धालुओं की कतार लगी थी और हर-हर महादेव के जयकारों की गूंज थी। कांवड़ लेकर पहुंचे भक्तों ने भी भगवान आशुतोष का अभिषेक कर अपनी यात्रा संपन्न की। महाशिवरात्रि निशीथ काल व्यापनी होती है तो कुछ श्रद्धालुओं ने सोमवार देर रात भी शिव का अभिषेक व पूजन किया।
शिवलिग भगवान शिव और शक्ति (पार्वती) का आदि-अनादि एकल रूप है। इसलिए त्रियोदशी का जल मां पार्वती और चतुर्दशी का जल भगवान शिव को समर्पित होता है। शिवरात्रि चतुर्दशी तिथि को निशीथ काल यानी अर्धरात्रि में होती है। सोमवार को शाम 4.11 बजे चतुर्दशी तिथि लगी, जो पांच मार्च को शाम 6.18 मिनट तक रही। मंगलवार को रात्रि से पहले ही चतुर्दशी खत्म हो जाएगी तो सोमवार को ही व्रत आदि किया गया। सुबह से ही गुलजारीवाला मंदिर, श्री भाकूवाला मंदिर, सतीवाला मंदिर, दासीवाला मंदिर, श्री हनुमान धाम, श्री सदाशिव मंदिर, शिवचौक, श्री मुक्तेश्वर महादेव शिव मंदिर समेत तमाम मंदिरों में श्रद्धालुओं के आने का क्रम शुरू हो गया था। गंगाजल, चावल, फल-फूल, धतूरा, चंदन, शहद, बिल्वपत्र आदि से महादेव का अभिषेक किया। राशि के अनुसार विभिन्न सामग्री भी अर्पित की गई। भीड़ की स्थिति ये थी कि कतार में लगे श्रद्धालुओं को जलाभिषेक के एक आधे से एक घंटे तक इंतजार भी करना पड़ा। कांवड़ लेकर आने वाले भक्तों के लिए विशेष व्यवस्था भी गई थी, जिससे उन्हें अभिषेक में दिक्कत नहीं आई। श्रद्धालुओं को बताई महिमा
श्री हनुमान धाम में पंडित प्रभु शंकर शास्त्री ने श्रद्धालुओं को शिव की महिमा बताई और प्रसाद भी बांटा। उन्होंने कहा कि शिव अपने भक्तों पर जल्दी प्रसन्न हो जाते हैं, इसलिए उन्हें भोलेनाथ कहा जाता है। भगवान शिव ही आदि और अनंत हैं, जो पूरी ब्रह्मांड के कण-कण में विद्यमान हैं। महाशिवरात्रि पर सच्चे मन से महादेव का अभिषेक करने से मनुष्य का कल्याण होता है। वहीं, शहर के विभिन्न मंदिरों में कीर्तन मंडली न भजनों की प्रस्तुति भी दी और शिव का गुणगान किया। व्रत में बढ़ गए फलों के दाम
महाशिवरात्रि पर बड़ी संख्या में लोग व्रत रखते हैं और इसके चलते फलों की मांग अधिक होती है। ऐसे में फलों के दाम भी बढ़ गए। केले 50 से 60 रुपये दर्जन मिले, जबकि एक दिन पहले तक 40 रुपये दर्जन मिल रहे थे। किन्नू भी 20 रुपये किलो थे, जो 30 रुपये किलो बेचे गए। ऐसे ही अंगूर भी 100 रुपये किलो मिले और अन्य दिनों के मुकाबले बीस रुपये बढ़े। वहीं, पूजन के साथ खाद्य सामग्री जैसे मेवे, कुट्टू का आटा, समा चावल आदि की खूब खरीददारी हुई।
डाक कांवड़ से शहीदों को श्रद्धांजलि
शिवभक्तों ने डाक कांवड़ के माध्यम से पुलवामा आतंकी हमले में शहीद हुए जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित की। सड़कों पर दौड़ रहे डाक काफी कांवड़ वाहनों के बैनर पर लिखा था कि डाक कांवड़ शहीदों को समर्पित है।