आकाश शर्मा, शामली।
पाकिस्तान से कनेक्शन को लेकर कैराना हमेशा चर्चाओं में रहता है। अब लोकसभा चुनाव में भी पाकिस्तान से कैराना का नाम जुड़ा है। जिले में आठ ऐसे लोग हैं, जो मूल रूप से पाकिस्तान के रहने वाले है। हालांकि अब उन्हें भारत की नागरिकता मिल चुकी है, और इस बार वह चुनाव में मतदान करेंगे।
17 लोग ऐसे भी हैं, जिन्होंने नागरिकता के लिए आवेदन किया है। अभी तक नागरिकता नहीं मिल सकी। इनमें ज्यादातर महिलाएं है।
शामली के कैराना निवासी ज्यादातर मुस्लिम लोगों की पाकिस्तान में रिश्तेदारी में आना जाना रहा है।
कोविड से पहले तक पाकिस्तान से साल में 100 से 150 लोग रिश्तेदारी में मिलने आते थे। कई लोग ऐसे हैं, जिन्होंने पाकिस्तान में शादी की है। कुछ महिलाएं पाकिस्तान से शादी के बाद भारत आई हैं। ऐसे आठ लोगों को भारत की नागरिकता मिल चुकी है, जो लोकसभा चुनाव में मतदान भी करेंगे।
नाम न छापने की शर्त पर उक्त लोगों ने बताया कि पाकिस्तान और भारत के चुनाव में बड़ा अंतर है, लेकिन हमको भारतीय चुनाव पसंद है। इस बार उत्साह के साथ मतदान करेंगे। जिन आठ लोगों को नागरिकता मिली है, उनमें कैराना कोतवाली क्षेत्र के गांव मवी निवासी तीन लोग, झिंझाना के केरटू निवासी तीन लोग और शहर निवासी दो लोग शामिल है।
बिना नागरिकता के रह रहे 17 पाकिस्तानी
सूत्रों की माने तो जिले में 17 लोग ऐसे हैं, जो बिना नागरिकता (वीजा पर) भारत में रह रहे है। इनमें आठ लोग कैराना, तीन लोग कांधला, तीन लोग झिंझाना, एक गढ़ीपुख्ता, एक थानाभवन और एक शामली में रहते है। यह सभी लोग मुस्लिम है।
इन लोगों ने भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन किया है, लेकिन अभी नागरिकता नहीं मिल सकी। इस कारण यह चुनाव में मतदान नहीं कर सकेंगे। इसके अलावा इनको फिलहाल भारतीय जन सुविधाओं का भी लाभ नहीं मिल रहा है।