मिली सीख, किसी भी परीक्षा को हल्के में न लें
सीबीएसई दसवीं का परिणाम प्री-बोर्ड परीक्षा के आधार पर ही जारी हुआ है। उन छात्र-छात्राओं का प्रदर्शन शानदार रहा जिन्होंने मुख्य परीक्षा की तरह ही तैयारी की थी। वहीं ऐसे काफी छात्र होते हैं जो प्री-बोर्ड को हल्के में लेते थे। ऐसे में छात्र-छात्राओं को निराशा जरूर हुई है।
शामली, जागरण टीम। सीबीएसई दसवीं का परिणाम प्री-बोर्ड परीक्षा के आधार पर ही जारी हुआ है। उन छात्र-छात्राओं का प्रदर्शन शानदार रहा, जिन्होंने मुख्य परीक्षा की तरह ही तैयारी की थी। वहीं, ऐसे काफी छात्र होते हैं, जो प्री-बोर्ड को हल्के में लेते थे। ऐसे में छात्र-छात्राओं को निराशा जरूर हुई है।
कोरोनाकाल के चलते इस बार सीबीएसई बोर्ड की परीक्षा नहीं हुई थी। अंतिम समय तक असमंजस की स्थिति बनी रही थी कि परीक्षा होगी या नहीं। प्री-बोर्ड परीक्षा छात्रों की तैयारी को परखने के लिए होती है। वहीं, ऐसे तमाम छात्र होते हैं, जो समझते रहे हैं कि मुख्य परीक्षा का कोई लेना-देना नहीं है तो वह इसे गंभीरता से नहीं लेते।
स्काटिश स्कूल की प्रधानाचार्य एवं सीबीएसई की नोडल अधिकारी आशु त्यागी का कहना है कि 12 वीं कक्षा के परिणाम का फार्मूला यह रहा कि 30-30 फीसद अंक दसवीं और 11 वीं के लिए गए और 12 वीं प्री-बोर्ड के 40 फीसद अंक शामिल रहे। दसवीं का परिणाम पूरी तरह प्री-बोर्ड अंकों के आधार पर जारी हुआ है। कोरोना के चलते उक्त फार्मूला निर्धारित किए गए और हमें सीख मिली है कि किसी भी परीक्षा को हल्के में न लें। सभी परीक्षा को मुख्य परीक्षा मानकर ही दें तो बेहतर रहेगा। इसके कई फायदे हैं। उत्तीर्ण हुए छात्रों को भी इसके लिए प्रेरित किया है। साथ ही जो अब दसवीं में आए हैं, उन्हें भी जोर देकर कहा जाएगा।
सिल्वर बेल्स स्कूल के प्रधानाचार्य डा. एके गोयल का कहना है कि निश्चित रूप से ऐसे छात्रों को निराशा हुई होगी, जो प्री-बोर्ड को लेकर गंभीर नहीं रहते हैं। हालांकि अधिकांश तो पूरी तैयारी के साथ सभी परीक्षा देते हैं और काफी हद तक हमें भी अंदाजा हो जाता है कि कौन-कौन छात्र मेधावी है। परीक्षा न होने की दशा में जिस फार्मूले से परिणाम आया, उससे यकीनन छात्रों की प्री-बोर्ड को लेकर सोच में बदलाव आएगा।