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खाप पंचायत की दो टूक, माननीय सुप्रीम कोर्ट हमारी परंपराओं में दखल न दे

शामली में खाप पंचायती का एक तुगलकी फरमान आया है। जिसमें कहा गया है कि अपनी मर्जी से शादी बर्दाश्त नहीं है। इसके साथ ही यह लोग बेटियों के जन्म पर अंकुश लगाने की तैयारी में हैं।

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Thu, 08 Feb 2018 03:39 PM (IST)Updated: Thu, 08 Feb 2018 09:59 PM (IST)
खाप पंचायत की दो टूक, माननीय सुप्रीम कोर्ट हमारी परंपराओं में दखल न दे
खाप पंचायत की दो टूक, माननीय सुप्रीम कोर्ट हमारी परंपराओं में दखल न दे

शामली (जेएनएन)। प्रदेश की खाप पंचायत अब देश की शीर्ष अदालत सुप्रीम कोर्ट को चुनौती दे रही है। देश की शीर्ष अदालत ने दो वयस्कों को अपनी मर्जी से विवाह का आदेश दिया है। बालियान खाप पंचायत को इस फैसले पर ऐतराज है।

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शामली में खाप पंचायती का एक तुगलकी फरमान आया है। जिसमें कहा गया है कि अपनी मर्जी से शादी बर्दाश्त नहीं है। इसके साथ ही यह लोग बेटियों के जन्म पर अंकुश लगाने की तैयारी में हैं। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद खाप चौधरियों में खासी नाराजगी है और इस फैसले का विरोध हो रहा है। इसी को लेकर आज शामली क्षेत्र के गांव भज्जू में एक विशेष कार्यक्रम में शामिल होने के लिए बालियान खाप के चौधरी नरेश टिकैत पहुंचे थे।

दो वयस्कों को अपनी मर्जी से शादी के अधिकार वाले सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए शामली जनपद के खाप चौधरी नरेश टिकैत ने कहा है कि बेटियां अपनी मर्जी से शादी नहीं करेंगी। सुप्रीम कोर्ट पर खाप की पुरानी परम्पराओं पर हस्तक्षेप करने का आरोप लगाते हुए कहा है कि ऐसा होगा तो हम बेटियों के जन्म पर अंकुश लगाएंगे। इससे लड़के व लड़कों के बीच लिंगानुपात का जो अंतर बढेगा उसकी जिम्मेदारी भी माननीय सुप्रीम कोर्ट की ही होगी।

सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद खाप चौधरियों में खासी नाराजगी है और इस फैसले का विरोध हो रहा है। आज इतना ही नहीं अगर इस तरह के आदेश पारित होते हैं तो हम न तो लड़कियां पैदा करेंगें और न ही लड़कियों को पैदा होने देंगे। टिकैत ने कहा कि या फिर या यह भी हो सकता है कि हम उन्हें पढऩे ही न दें कि वे ऐसा फैसला ले सकें।

खाप चौधरी का बड़ा ऐलान सामने आया है, जिसमें बालियान खाप के चौधरी नरेश टिकैत ने कहा है कि न तो बेटियां पैदा करेंगे और न बेटियों का जन्म होने देंगे। माननीय सुप्रीम कोर्ट हमारी परंपराओं में दखल न दे। लड़की और लड़कों के बीच का जो अनुपात है उसमें अंतर के लिए सुप्रीम कोर्ट की जिम्मेदारी होगी। सुप्रीम कोर्ट ने खाप के खिलाफ एक सख्त लाइन अपनाई थी, जिसमें कोर्ट ने कहा था दो सहमत व्यस्कों के बीच अंतरजातीय और अन्तरभेद विवाह के बीच में खाप को दखल देने का अधिकार नहीं है, जिसको लेकर खाप के चौधरियों में नाराजगी है और खाप चौधरी इसका विरोध कर रहे हैं।

शामली के गांव भज्जू में बालियान खाप के चौधरी नरेश टिकैत ने सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश पर असंतोष जताया। उन्होंने कहा कि अगर कोर्ट हमारी परंपराओं में दखल देगा तो तो हम इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे। उन्होंने आगे कहा कि अगर इस तरह के आदेश पारित होते हैं तो हम न तो लड़कियां पैदा करेंगे और न ही लड़कियों को पैदा होने देंगे। यही नहीं उन्होंने यहां तक कहा कि लड़कियों को हम उतनी पढ़ाई नहीं करने देंगे जिससे खुद फैसले लेना शुरू कर दें।

गौरतलब है कि खाप पंचायत के खिलाफ सख्त रुख अपनाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि दो रजामंद वयस्कों को अपनी शादी से मर्जी का अधिकार है। खाप पंचायत किसी व्यस्क को अंतर्जातीय विवाह करने से रोक नहीं सकता। खाप पंचायतों पर बेहद सख्त रुख अपनाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने एक बार फिर दोहराया कि अगर दो बालिग शादी करने का फैसला करते हैं, तो उसमें कोई भी दखल नहीं दे सकता। इस दौरान कोर्ट ने केंद्र सरकार और याचिकाकर्ताओं से ऐसे उपाय मांगे, जिससे इन विवाहित दंपतियों को सुरक्षा प्रदान की जा सके। सुप्रीम कोर्ट ने साथ ही कहा कि उन्हें सुरक्षा देना पुलिस की जिम्मेदारी है।

सुप्रीम कोर्ट ने खाप की पैरवी करते वकील से बेहद सख्त लफ्ज में कहा कि कोई शादी वैध है या अवैध, यह फैसला बस अदालत ही कर सकती है।आप इससे दूर रहें। अब इस मामले की सुनवाई 16 फरवरी को होगी।


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