वेस्ट में गहरी है खालिस्तानी आतंकियों की जड़
शामली : अमृतसर में निरंकारी भवन पर ग्रेनेड फेंकने की घटना के बाद वेस्ट यूपी पर फिर आ
शामली : अमृतसर में निरंकारी भवन पर ग्रेनेड फेंकने की घटना के बाद वेस्ट यूपी पर फिर आइबी और खुफिया विभाग ने नजरें जमा दी हैं। एनसीआर से सटे शामली व उसके करीबी सहारनपुर पर यदि निगाह डाली जाए तो यहां खालिस्तानी आंतकियों की चहल-कदमी आम रही है। खालिस्तान के दहशतगर्दों ने ऑपरेशन ब्लू स्टार के बाद मुजफ्फरनगर में शरण ली थी। यहां से पंजाब पुलिस ने उस दौरान तीन आतंकियों को गिरफ्तार किया था। हाल ही में शामली के ¨झझाना में भी हथियार लूट के बाद खालिस्तानी आतंकी पकड़े गए थे। लूटे गए हथियार का प्रयोग पंजाब में आतंक फैलाने व अमृतसर जैसी घटना को अंजाम देने में किया जाना था। फिलहाल आइबी व खुफिया विभाग अपने तरीके से खादर में हर चेहरे को बड़ी बारीकी से नापतौल रही है।
यमुना-गंगा का खादर हमेशा से ही सुर्खियों में रहा है। पंजाब में सुरक्षाबलों व पुलिस की सक्रियता के बाद देशद्रोही संगठनों से जुड़े लोग खादर में आश्रय लेते रहे हैं। ऑपरेशन ब्लू स्टार के अलावा दर्जनों ऐसे घटनाक्रम हुए जब पंजाब पुलिस को दहशतगर्द यहां छिपे मिले। अलग खालिस्तान की मांग का असर यमुना-गंगा के खादर के माहौल पर पड़ता है। वर्ष 1990 के दशक में खालिस्तान की मांग को लेकर बब्बर खालसा, लिब्रेशन फ्रंट खालिस्तानी संगठन, सतरना संगठन ने पंजाब में आतंक बरपाया। इन संगठनों ने पंजाब से बाहर भी खादर क्षेत्र में अपना नेटवर्क तैयार किया। वजह साफ थी, पंजाब में दबाव बनने पर वह इन खादर में आकर छिप जाते थे। वेस्ट यूपी पंजाब के आतंकियों की छिपने के लिए पहली पसंद रहा है। यहां से पंजाब व दिल्ली में सीधे व सहज पहुंच है। ¨झझाना और रामराज के तराई इलाके में इस दौरान कई बड़े आतंकी पकड़े गए हैं। यहां अक्सर पंजाब पुलिस डेरा डालकर जांच-पड़ताल करती दिख जाती है। एक बार फिर खालिस्तान की मांग उठने पर पंजाब पुलिस व खुफिया एजेंसियां इन क्षेत्रों में सक्रिय हुई है। खालिस्तान संगठन के समर्थक जर्मन ¨सह व उसके साथियों द्वारा पिछले माह ही ¨झझाना में हमला कर पुलिस से दो राइफल लूटी थी। इसके बाद एटीएस, पंजाब पुलिस व उप्र व पंजाब की खुफिया विभाग की टीमों ने ¨झझाना क्षेत्र में खालिस्तान समर्थकों का नेटवर्क खंगाला था। सूत्र बताते हैं कि अमृतसर हमले की घटना के बाद से शामली जनपद के तराई के इलाके में खुफिया एजेंसियों ने गोपनीय तरीके से डेरा डाल लिया है।
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- बताया तो यहां तक जाता है कि वर्ष 1994-95 में खालिस्तान समर्थकों ने रामराज क्षेत्र में बैराज मार्ग पर पुलिस की राइफल लूटी थी।
- वर्ष 1996 में पंजाब पुलिस रामराज के खादर से तीन संदिग्ध आतंकियों को पकड़ कर अपने साथ ले गई थी।
- वर्ष 1996 में माह जुलाई में अंबाला रोड पर गंगोह से सहारनपुर जा रही बस में भीषण विस्फोट हुआ। इस घटना में सतराना गिरोह का हाथ था। इस घटना में कई लोग मारे गए थे। इस घटना में ¨झझाना से सतराना गिरोह के सक्रिय सदस्य कुलदीप ¨सह को पकड़ा गया था।
- मुरादनगरर क्षेत्र में भी इन्हीं वर्षो में एक बस में विस्फोट किया गया था। इस मामले में भी सतराना गिरोह का हाथ होना चर्चा का विषय बना था।
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इनका कहना है..
अमृतसर हमले की घटना के बाद से हाईअलर्ट है। संदिग्धों की तलाश के लिए चे¨कग अभियान चलाया जा रहा है। रही बात खुफिया एजेंसियों की कार्रवाई की, तो वह उनकी अपनी कार्रवाई है। इस बारे में उन्हें जानकारी नहीं है।
-अजय कुमार, एसपी।