हाईकोर्ट बेंच नहीं, तो वोट भी नहीं
बनत हाईकोर्ट बेंच स्थापना को लेकर इस बार अधिंवक्ता समझौते के मूड में नहीं हैं। उनका कहना ह
बनत: हाईकोर्ट बेंच स्थापना को लेकर इस बार अधिंवक्ता समझौते के मूड में नहीं हैं। उनका कहना है, उसी पार्टी को वोट करेंगे जो हाईकोर्ट बेंच स्थापना का ठोस आश्वासन देगी।
पश्चिम यूपी में हाईकोर्ट बेंच को लेकर वेस्ट यूपी के अधिवक्ताओं ने बड़े आंदोलन किए है। हर सरकार के समक्ष इस मुद्दे को रखते भी हैं लेकिन आश्वासन के सिवा कुछ नहीं मिलता। इस बार हाईकोर्ट बेंच का पक्का वायदा करने वाली पार्टी को ही अधिवक्ता वोट करेंगे।
-बिजेंद्र सिंह, अध्यक्ष शामली बार एसोसिएशन चुनाव के दौरान सभी प्रत्याशी इस मांग को सुनते हैं मगर चुनाव के बाद मुद्दे को रद्दी की टोकरी में डालकर अधिवक्ताओं के साथ धोखा करते हैं। इस बार अधिवक्ता हाईकोर्ट बेंच की स्थापना करने वाली पार्टी को ही वोट देंगे।
-राहुल, अधिवक्ता पश्चिम यूपी में हाईकोर्ट बेंच आने से वादों का जल्द निस्तारण होगा। वादकारियों को भी इस आंदोलन में अधिवक्ताओं का सहयोग करते हुए उसी पार्टी को वोट देना चाहिए, जो हाईकोर्ट बेंच स्थापना की बात करे। युवा अधिवक्ता भी बेंच की मांग करेंगे।
-सचिन राठी, अधिवक्ता वेस्ट यूपी से इलाहाबाद की दूरी लगभग 750 किलोमीटर है। इलाहाबाद हाईकोर्ट जाने के लिए वादकारियों व अधिवक्ताओं को ज्यादा पैसे और समय खर्च करना पड़ता है। इलाहाबाद हाईकोर्ट में ज्यादा मुकदमों के चलते वादों का जल्द निस्तारण नहीं हो पाता। इस मुद्दे पर ठोस बात करने वाली पार्टी को ही वोट देंगे।
-संजय शर्मा, अधिवक्ता हाईकोर्ट बेंच को लेकर युवा अधिवक्ता भी सीनियर अधिवक्ताओं के साथ खड़े है। 'हाईकोर्ट बेंच नही तो वोट नहीं' के नारे के साथ वोट करेंगे।
-प्रवीण कुमार, अधिवक्ता