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बुटराड़ा नरसंहार: एसटीएफ और पुलिस ने दबोचा 16 साल से फरार इनामी बदमाश

16 साल पहले गांव बुटराड़ा में पंचायत चुनाव की रंजिश के चलते हुए नरसंहार के मामले में पुलिस ने एसटीएफ की मदद से 12 हजार के इनामी बदमाश को गिरफ्तार कर लिया।

By JagranEdited By: Published: Tue, 06 Aug 2019 10:12 PM (IST)Updated: Tue, 06 Aug 2019 10:12 PM (IST)
बुटराड़ा नरसंहार: एसटीएफ और पुलिस ने दबोचा 16 साल से फरार इनामी बदमाश
बुटराड़ा नरसंहार: एसटीएफ और पुलिस ने दबोचा 16 साल से फरार इनामी बदमाश

शामली, जेएनएन। 16 साल पहले गांव बुटराड़ा में पंचायत चुनाव की रंजिश के चलते हुए नरसंहार के मामले में पुलिस ने एसटीएफ की मदद से 12 हजार के इनामी बदमाश को गिरफ्तार कर लिया। वह मुजफ्फरनगर के भोकरहेड़ी निवासी है और उसे घर से ही दबोचा गया। अब जाकर नरसंहार के सभी आरोपितों की गिरफ्तारी हुई है। कोर्ट के आदेश पर बदमाश को जेल भेज दिया गया।

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थाना बाबरी के गांव बुटराड़ा में 14 अक्टूबर 2003 को तत्कालीन प्रधान विमला देवी के बेटे रामकिशन समर्थक सुखपाल, सतेंद्र व सुनील के साथ तत्कालीन उप प्रधान रिजवान के घर जा रहे थे। इस बीच पीछे से आए मदन, उसके भाई राजवीर, रामवीर, रामभजन, कंवरपाल, ईश्वर, सुदेशपाल, देवेंद्र उर्फ नीटू व ओमपाल ने कारबाइन, राइफल व तमंचों से गोलियां चलाई। सतेंद्र व सुनील की मौके पर ही मौत हो गई थी। रामकिशन जान बचाने के लिए रिजवान के घर में जा घुसे थे। हमलावरों ने घर में घुसकर गोलियां बरसा दी थीं। इसमें रिजवान, उसके भाई रिहान व रामकिशन की मौत हो गई थी। बाहर आने के दौरान गली में मौजूद माशूक अली की गोली मारकर हत्या कर दी थी। वहीं, सुखपाल गोली लगने पर घायल हो गया था। पुलिस ने नौ आरोपितों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था। बाबरी थाना प्रभारी नेमचंद सिंह ने बताया कि देवेंद्र उर्फ नीटू निवासी भोकरहेड़ी (थाना भोपा, जिला मुजफ्फरनगर) को सोमवार रात करीब आठ बजे एसटीएफ मेरठ के साथ दबिश देकर गिरफ्तार किया। इसके बाद उसे थाने लाया गया और पूछताछ की। मंगलवार दोपहर कोर्ट में पेश किया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया।

-दो को फांसी, एक को उम्र कैद

नरसंहार के मामले में एडीजे कोर्ट मुजफ्फरनगर ने 15 जुलाई 2015 को फैसला सुनाया था। इसमें दोषी ठहराने के बाद मदन, सुदेशपाल को फांसी व ईश्वर को उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी। हाईकोर्ट ने भी फैसले पर अपनी मुहर लगाई थी। इसके बाद फांसी के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई थी। इस पर क्या हुआ, इसके बारे में सही जानकारी नहीं मिल सकी। कोतवाली प्रभारी नेमचंद का कहना है कि इस संबंध में फिलहाल जानकारी नहीं है। वहीं, इस मामले में कंवरपाल और ईश्वर को हाईकोर्ट से वृद्ध होने के चलते जमानत मिल गई थी।

-ओमपाल की जेल में हो गई थी मौत

बुटराड़ा नरसंहार के आरोपित मुजफ्फरनगर जेल में बंद गढ़ीपुख्ता के मालेंडी गांव निवासी ओमपाल की गत फरवरी में मौत हो गई थी। उस पर भी 12 हजार का इनाम घोषित था और पुलिस ने करीब चार साल पहले गिरफ्तारी की थी।

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