दीपावली पर्व पर हुई आतिशबाजी, रात्रि में बढ़ा रहा प्रदूषण
जिले में प्रकाश का पर्व दीपावली पारंपरिक रीति-रिवाजों के साथ धूमधाम से मनाया गया। एनजीटी के आदेश थे कि एनसीआर में आतिशबाजी नहीं की जाएगी लेकिन युवाओं ने आतिशबाजी करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। दीपावली पर जमकर आतिशबाजी होती रही हालांकि पुलिस आतिशबाजी रूकवाने को भागदौड़ करती रही लेकिन यह केवल हवा हवाई ही होकर रह गया। आतिशबाजी से देर रात में वायु गुणवत्ता सूचकांक 500 पार कर गया। हालांकि बीते साल के मुकाबले प्रदूषण कम रहा। सुबह में धूप निकलने से स्माग से राहत जरूर रही।
शामली जेएनएन। जिले में प्रकाश का पर्व दीपावली पारंपरिक रीति-रिवाजों के साथ धूमधाम से मनाया गया। एनजीटी के आदेश थे कि एनसीआर में आतिशबाजी नहीं की जाएगी, लेकिन युवाओं ने आतिशबाजी करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। दीपावली पर जमकर आतिशबाजी होती रही, हालांकि पुलिस आतिशबाजी रूकवाने को भागदौड़ करती रही, लेकिन यह केवल हवा हवाई ही होकर रह गया। आतिशबाजी से देर रात में वायु गुणवत्ता सूचकांक 500 पार कर गया। हालांकि बीते साल के मुकाबले प्रदूषण कम रहा। सुबह में धूप निकलने से स्माग से राहत जरूर रही।
दीपावली पर रंग-बिरंगी लाइटों और अतिशबाजी के बीच मोमबत्ती और मिट्टी के दीपकों की आभा लुभाने वाली रही। शाम के समय घरों में माटी के दिये जलाकर लक्ष्मी-गणेश का पूजन कर प्रसाद वितरित किया गया। मोमबत्ती और मिट्टी के दीप मुंडेरों पर सजाए गए।
नहीं रूकी आतिशबाजी
वैसे तो एनजीटी की पटाखा बिक्री और छुड़ाने पर पूरी तरह से रोक थी, लेकिन जिले में इसका पालन नहीं हो सका। शाम को पूजन के बाद शुरू हुआ आतिशबाजी चलाने का दौर देर रात तक चलता रहा। राकेटों से निकली सतरंगी रोशनी से पूरा आसमान नहा गया। तेज आवाज के कानफोडू बम, अनार बम, सेवन शाट से पूरा जिला गूंजायमान रहा। पटाखों से निकलता तेज धुंआ दमघोटू रहा। धुएं के गुबार से सांस के मरीजों को काफी मुश्किलें भी रही। आतिशबाजी की पुलिस को शिकायतें न के बराबर ही रही, क्योंकि दीपावली पर्व पर अधिकांश युवा आतिशबाजी में मशगूल ही थे। आतिशबाजी रोकने को पुलिस ने शुरू में मशक्कत की, लेकिन आठ बजे के बाद तो हालात बेकाबू रहे, चौतरफा आसमान में खूब आतिशबाजी होती रही।
रात्रि में रहा स्माग
एयर क्वालिटी डॉट कॉम के मुताबिक, दीपावली पर्व पर रात में आठ बजकर 30 मिनट पर ही वायु गुणवत्ता सूचकांक 483 हो गया, यह नौ बजे तक 500 को पार गया, जबकि 11 बजे तक यह 565 हो गया। वायु प्रदूषण होने से रात्रि में स्माग भी रहा, लेकिन सुबह में सूर्यदेव के दर्शन सही समय पर हुए, जिसके चलते आसमान में छाया स्माग धीरे-धीरे छंटने लगा और 12 बजे तक यह पूरी तरह से गायब हो गया, जबकि पिछले वर्ष स्माग दीपावली के अगले रोज दिनभर रहा था। इस लिहाज से पिछले साल के मुकाबले स्माग से कुछ हद तक काफी राहत रही है। वहीं रविवार को दिन में 12 बजे तक वायु गुणवत्ता सूचकांक 330 रहा।
शेडयूल के मुताबिक रही विद्युत आपूर्ति
उधर, विद्युत निगम की ओर से निर्बाध विद्युत आपूर्ति का दावा किया गया था, जिसके चलते जिले के सभी क्षेत्रों में शेडयूल के मुताबिक, आपूर्ति जारी रही। रात्रि में आपूर्ति सुचारू तरीके से दी जाती रही। हालांकि देहात क्षेत्रों में विभिन्न स्थानों पर आपूर्ति में एक से दो घंटे का अंतर देखने को मिला। कुल मिलाकर आपूर्ति संतोषजनक रही।
शामली में नहीं प्रदूषण मापने की नहीं व्यवस्था
जनपद शामली जिला बने करीब नौ साल हो चुके हैं, लेकिन प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का दफ्तर यहां नहीं बन सका है। मुजफ्फरनगर से ही प्रदूषण नियंत्रण के लिए कार्य किया जा रहा है। प्रदूषण मापने के लिए यहां कोई स्थाई व्यवस्था नहीं की गई है। कभी कभार प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अफसर मशीन लगाकर प्रदूषण मापने के दावे करते रहे हैं।