10 रुपये में दांव पर लग रही ¨जदगी
पंकज ऐरन, शामली : अवैध शराब के खेल में दस रुपये का नोट एक परिवार को मौत की डगर पर ल
पंकज ऐरन, शामली : अवैध शराब के खेल में दस रुपये का नोट एक परिवार को मौत की डगर पर ले जा रहा है तो दूसरा परिवार इसी नोट की बदौलत मालामाल हो रहा है। दस के नोट से मजदूर की ¨जदगी दांव पर लग रही है। दोनों परिवारों के बीच चल रहे मौत बांटने वाले कारोबार के धंधे को चलाकर पुलिस व आबकारी विभाग की शह पर माफिया मालामाल हो रहे हैं। मौत और चांदी की चमक के बीच के इस खेल को कानून के का¨रदे चुप्पी साध धृतराष्ट्र बने हैं।
क्षेत्र के ¨झझाना व कैराना इलाके में चल रहा मौत के कारोबार कोई हाल ही में नहीं शुरू हुआ है। यह कारोबार इस क्षेत्र में पिछले कई दशकों से चला आ रहा है। इस क्षेत्र में रहने वाले कई गांवों के माफिया ने अवैध शराब के कारोबार को लघु उद्योग बना लिया है। क्षेत्र के खादर के जंगल में खुलेआम अवैध शराब बनाने की भट्ठियां चलाई जाती रही थी। आबकारी विभाग हो या फिर पुलिस सब जानकर भी चुप है। यहां छापेमारी से भी लोग बचते हैं। सूत्रों की मानें तो इन क्षेत्रों में शराब बेचने का तरीका भी कुछ निराला ही है। यूं तो माफिया बोतल में शराब बेचते थे, लेकिन इसके बाद भी गांव में एक चर्चित महिला दुकानों पर चाय रखने वाले ड्रम में शराब को भरकर बैठती थीं और उनके पास पहुंचने वाले को वे 10 रुपये लेकर शराब का गिलास भरकर दे देतीं थीं। देखने वाले समझते हैं कि ग्रामीण गिलास में पानी पी रहा है। सुबह से शाम तक मेहनत कर कमाए अपनी गाढ़ी कमाई के दस रुपये से ग्रामीण थकान उतारने के बहाने अपनी ¨जदगी को दांव पर लगा रहे हैं, क्योंकि दो या तीन सौ रुपये कमाने वाले मजदूर को ठेके की शराब से यह शराब बेहद सस्ती लगती है और माफिया उनकी इसी मजबूरी का फायदा उठाकर मौत की डगर पर धकेल रहे हैं। ¨झझाना के गांव कमालपुर में पांच लोगों की मौत इसी सस्ती अवैध शराब पीने का नतीजा है।