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दौड़ रहे 'बम', खुलेआम भरा जा रहा 'बारूद'

शामली जेएनएन गैस रिफीलिग का धंधा शहर में खूब फल-फूल रहा है। खुलेआम वाहनों के साथ छोटे सिलेंडरों में गैस भरी जा रही है। गैस रिफीलिग अपराध तो है ही साथ ही इस से हादसे भी हो जाते हैं।

By JagranEdited By: Published: Fri, 04 Oct 2019 10:44 PM (IST)Updated: Fri, 04 Oct 2019 10:44 PM (IST)
दौड़ रहे 'बम', खुलेआम भरा जा रहा 'बारूद'

शामली, जेएनएन: गैस रिफीलिग का धंधा शहर में खूब फल-फूल रहा है। खुलेआम वाहनों के साथ छोटे सिलेंडरों में गैस भरी जा रही है। गैस रिफीलिग अपराध तो है ही, साथ ही इस से हादसे भी हो जाते हैं।

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कई बार प्रशासन, जिला आपूर्ति विभाग और पुलिस की ओर से कार्रवाई की बात कही जाती है, पर कुछ नहीं किया जाता है। 11 सितंबर को वीवी इंटर कॉलेज रोड पर एक ढाबे के बाहर खड़ी कार में आग लग गई थी। जांच में सामने आया था कि कार में एलपीजी गैस किट थी, लेकिन जिम्मेदारों ने यह कहते हुए मामला रफा-दफा कर दिया था कि गैस किट लगी तो थी, पर इस्तेमाल नहीं हो रही थी।

चिगारी बना सकती है बम

दुकानों के बाहर सड़क पर सिलेंडर से वाहन में गैस भरी जाती है। इस दौरान गैस के रिसाव से फैलने वाली गंध से इसका पता भी खूब चलता है। एक चिगारी से बड़ा हादसा हो सकता है।

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शहर में इन इलाकों में

भरी जाती है वाहनों में गैस

शामली में विजय चौक, कैराना रोड, फव्वारा चौक, दिल्ली रोड, नाला पटरी, माजरा रोड, कुड़ाना रोड के अलावा गली-मोहल्लों में कहीं खुलेआम तो कहीं चोरी-छिपे वाहनों में गैस भरने का काम होता है। छोटी-छोटी दुकान खोली हुई हैं, लेकिन मुख्य काम यही है। इसके अलावा बड़े सिलेंडरों से छोटे सिलेंडरों में गैस भी डाली जाती है। इतना ही नहीं, कुछ लोगों ने तो खुद रीफिलिग करने का उपकरण भी खरीद लिया है।

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ऐसे होता है मोटा मुनाफा

गैस रीफिलिग करने वाले मोटा मुनाफा कमाते हैं। सभी घरेलू सिलेंडरों का ही प्रयोग करते हैं। घरेलू सिलेंडर के 609 रुपये का है और इसमें 14 किलो गैस आती है। कुछ धंधेबाज जुगाड़ से सब्सिडी वाले सिलेंडरों का भी प्रबंध कर लेते हैं, जो करीब 510 रुपये का पड़ता है। जब कोई गैस भरवाने आता है तो उससे 80 से 100 रुपये प्रति किलो के दाम लिए जाते हैं।

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कम आता है खर्च

पेट्रोल और डीजल पर वाहन चलाने के मुकाबले एलपीजी का खर्च काफी कम आता है। पैसा बचाने के चक्कर में लोग अपनी जान के साथ खिलवाड़ करते हैं। अगर एक लीटर डीजल में वाहन 15 किलोमीटर चलता है तो एक किलोग्राम गैस में 35-40 किलोमीटर तक का औसत आता है।

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घरेलू सिलेंडर का होता है

व्यावसायिक उपभोग भी

होटल, रेस्तरां और ढ़ाबों में धड़ल्ले से घरेलू गैस सिलेंडर का इस्तेमाल हो रहा है। वेल्डिग की दुकानों पर भी घरेलू सिलेंडरों का प्रयोग होता है।

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इन्होंने कहा..

गैस की रीफिलिग और घरेलू सिलेंडरों का व्यावसायिक उपभोग करने वालों पर समय-समय पर कार्रवाई की जाती है। आपूर्ति निरीक्षकों को इस संबंध में निर्देश दिए हुए हैं। जो भी ऐसा करते मिलेगा, उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी। मुकदमा भी दर्ज कराया जाएगा।

- ओमहरि उपाध्याय, जिला पूर्ति अधिकारी


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