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अधिक बारिश से धान को हुआ नुकसान

इस बार बारिश अधिक नहीं होने से धान फसल प्रभावित होने का डर किसानों को सता रहा था लेकिन बुधवार रात से गुरुवार शाम तक हुई बारिश से किसान चितित हो गए हैं। फायदे के बजाय नुकसान हो गया है। ज्यादा नुकसान अगेती धान की फसल को हुआ। इसी के साथ सब्जियों की फसल भी प्रभावित हुई हैं।

By JagranEdited By: Published: Thu, 13 Aug 2020 10:19 PM (IST)Updated: Thu, 13 Aug 2020 10:19 PM (IST)
अधिक बारिश से धान को हुआ नुकसान

शामली, जेएनएन। इस बार बारिश अधिक नहीं होने से धान फसल प्रभावित होने का डर किसानों को सता रहा था, लेकिन बुधवार रात से गुरुवार शाम तक हुई बारिश से किसान चितित हो गए हैं। फायदे के बजाय नुकसान हो गया है। ज्यादा नुकसान अगेती धान की फसल को हुआ। इसी के साथ सब्जियों की फसल भी प्रभावित हुई हैं।

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धान मुख्यत: बारिश की फसल है। अब तक बारिश काफी कम हुई तो किसानों को ट्यूबवैल से सिचाई करनी पड़ रही थी। बुधवार रात तेज बारिश हुई। साथ में हवा भी थी। ऐसे में धान की अगेती फसल खेतों में बिछ गई। कृषि वैज्ञानिक डॉ. विकास मलिक ने बताया कि धान का पौधा हल्का होता है। अगेती फसल में पौधे पर बालियां आने लगी हैं। बारिश और हवा से पौधे मुड़ गए हैं। ऐसी स्थिति में पौधे में ऊपर तक भोजन यानी पोषक तत्व पर्याप्त मात्रा में नहीं पहुंच पाते हैं और चावल के दाने कम बनते हैं। वैसे तो बारिश धान के लिए फायदेमंद होती है, लेकिन एक साथ अधिक बारिश से नुकसान होता ही है। औसत बारिश तीन-चार दिन के अंतराल में होती रहे तो धान की फसल की बढ़वार अच्छी होती है। कुछ स्थानों पर पछेती फसल में भी नुकसान देखने को मिल रहा है, लेकिन अधिक नहीं है। वहीं, इस वक्त टमाटर, करेला, लौकी, तौरी, बैंगन, अरबी और भिडी की फसल है। ज्यादा बारिश से पौधों पर लगे फूल व सब्जी खराब हो जाएगी। साथ ही फंगस व गलन की समस्या होगी। 120 एमएम हुई बारिश

शामली: बुधवार रात दस बजे से गुरुवार शाम पांच बजे तक 120 मिलीमीटर (एमएम) बारिश हुई। जबकि पूरे अगस्त माह में इससे पूर्व कुल 7 एमएम बारिश ही रिकार्ड की गई। पूर्वी यमुना नहर खंड के उप राजस्व अधिकारी अंबुज कुमार चौधरी ने बताया कि गुरुवार सुबह आठ बजे तक 80 एमएम बारिश रिकार्ड की गई और इसके बाद शाम तक करीब 40 एमएम बारिश होने का अनुमान है।

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बारिश की स्थिति

माह, बारिश

अप्रैल, 35 एमएम

मई, 53 एमएम

जून, 58 एमएम

जुलाई, 288 एमएम

अगस्त (अब तक) 127 एमएम बोले किसान..

गेहूं की फसल को भी बारिश से काफी नुकसान हुआ था। धान की फसल के लिए अच्छी बारिश की जरूरत थी, लेकिन जरूरत से काफी अधिक बारिश हो गई। फायदा कम और नुकसान अधिक है।

- सुनील सैनी किसानों के सामने दिक्कतें ही दिक्कतें हैं। धान की फसल तो खेत में बिछ गई है। अगर हवा तेज होती तो गन्ने की फसल को भी नुकसान होता।

- सचिन कुमार


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