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सूखा भूसा और काईयुक्त पानी पीकर कैसे रहे गोवंश तंदुरुस्त

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का गोवंशों पर विशेष ध्यान है लेकिन जिले के संरक्षण केंद्रों में गोवंशों की देखभाल नहीं हो रही है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 26 Feb 2020 11:03 PM (IST)Updated: Thu, 27 Feb 2020 06:02 AM (IST)
सूखा भूसा और काईयुक्त पानी पीकर कैसे रहे गोवंश तंदुरुस्त

शामली, जेएनएन। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का गोवंशों पर विशेष ध्यान है, लेकिन जिले के संरक्षण केंद्रों में गोवंशों की देखभाल नहीं हो रही है। गोवंश के बीमार होने पर चिकित्सक नहीं पहुंचते हैं। खाने को सूखा भूसा ही दिया जा रहा है और पानी की हौज में मोटी-मोटी काई जमी हुई है।

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जनवरी 2019 से पहले जिले में सिर्फ दो गोशाला थी, जिन्हें ट्रस्ट के माध्यम से संचालित किया जाता है। बेसहारा गोवंशों की संख्या बेहिसाब थी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस समस्या का संज्ञान लिया और जिलों में बेसहारा गोवंशों को संरक्षित करने के निर्देश दिए। तब से अब तक जिले में 33 गोश्रय स्थल बनाए गए हैं। 30 ग्रामीण क्षेत्र में हैं और तीन नगर क्षेत्र में। साथ ही बनत में वृहद गौ संरक्षण केंद्र भी बनाया गया। इनमें कुल 3232 बेसहारा गोवंशों को संरक्षित करने का दावा पशुपालन विभाग का है। गोश्रय स्थलों से लेकर वृहद गौ संरक्षण केंद्र में गोवंशों की देखभाल न हो रही है। बुधवार को दैनिक जागरण टीम बनत स्थित वृहद गौ संरक्षण केंद्र पहुंची तो वहां की हालत खराब थी। यहां पर 300 गोवंश हैं। दो गोवंश बीमार थी और बेहोशी की हालत में पड़े मिले। केंद्र के कर्मचारियों का कहना था कि पशु चिकित्सकों को सूचना दी गई है, लेकिन अभी तक कोई नहीं आया। गोवंशों के पानी पीने की हौज में मोटी-मोटी काई जमी हुई थी। साथ ही कुछ कुंड में सूखा भूसा था तो कुछ खाली पड़ी हुई थी। केंद्र के कर्मचारियों का कहना था कि गोवंशों को देने के लिए सिर्फ सूखा भूसा ही मिलता है। वहीं, अस्थाई गोश्रय स्थलों की तो स्थिति और खराब है। यहां पर गोवंशों के भोजन और पानी की समुचित व्यवस्था तक नहीं है। 737 गोवंश पालन को दिए, पर भुगतान लंबित

मुख्यमंत्री निराश्रित/बेसहारा गोवंश सहभागिता योजना अक्टूबर में शुरू हुई थी। इसके तहत अब तक 3232 में से 737 गोवंश इच्छुक लोगों को पालन के लिए दिए गए। योजना के तहत गोवंशों के लिए भोजन आदि के लिए 30 रुपये प्रति गोवंश प्रतिदिन के हिसाब से भुगतान होना है। अभी तक 31 दिसंबर तक का भुगतान हुआ है। पशुपालन विभाग के अधिकारियों के अनुसार हर माह सत्यापन किया जाना है कि जिन लोगों को गोवंश दिए गए थे, वह उनका पालन कर रहे हैं या नहीं। सभी गोवंश के कान में टैग लगाए गए हैं। बता दें कि योजना के तहत जिले का लक्ष्य 896 गोवंश पालन के लिए देने का है। दिसंबर तक करीब 450 गोवंश ही पालन के लिए दिए गए थे। इन्होंने कहा..

गो संरक्षण केंद्रों में संरक्षित गोवंशों का ध्यान रखा जा रहा है। गोवंश के बीमार होने पर पशु चिकित्सक जाते हैं। पशुधन प्रचार अधिकारी और चिकित्सक नियमित परीक्षण के लिए जाते हैं। बनत स्थित वृहद गौ संरक्षण केंद्र में छह गाय गर्भवती हैं। अगर कहीं पर भी कोई खामी है तो उसे दूर कराया जाएगा। मुख्यमंत्री निराश्रित/बेसहारा गोवंश सहभागिता योजना के तहत गोवंश पालकों को सत्यापन के बाद ही धनराशि जारी की जानी है। इसीलिए अभी तक दिसंबर तक भुगतान ही हुआ है। वहीं, गोवंशों को भूसे के साथ अगोला भी दिया जाता है। कहीं-कहीं पर हरे चारे की भी व्यवस्था है।

- डॉ. यशवंत, मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी, शामली


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