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नगली जमालपुर में वृहद गो-संरक्षण केंद्र का निर्माण शुरू

बेसहारा पशुओं को आश्रय देने के लिए जल्द ही जिले में दूसरा वृहद गो-संरक्षण केंद्र शुरू हो जाएगा। नगली जमालपुर में इसका निर्माण शुरू हो गया है। इसमें 400 पशुओं के रहने की व्यवस्था होगी।

By JagranEdited By: Published: Sun, 13 Oct 2019 10:54 PM (IST)Updated: Mon, 14 Oct 2019 06:01 AM (IST)
नगली जमालपुर में वृहद गो-संरक्षण केंद्र का निर्माण शुरू
नगली जमालपुर में वृहद गो-संरक्षण केंद्र का निर्माण शुरू

शामली, जेएनएन। बेसहारा पशुओं को आश्रय देने के लिए जल्द ही जिले में दूसरा वृहद गो-संरक्षण केंद्र शुरू हो जाएगा। नगली जमालपुर में इसका निर्माण शुरू हो गया है। इसमें 400 पशुओं के रहने की व्यवस्था होगी।

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जनवरी में सरकार ने बेसहारा पशुओं को संरक्षित करने के आदेश दिए थे। पशुपालन विभाग ने सर्वे किया था। इसमें 3045 बेसहारा पशु चिह्नित किए थे। अभी तक कुल 2592 पशुओं को गोशाला, गो-संरक्षण केंद्र, अस्थाई आश्रय स्थलों में संरक्षण हो चुका है। मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डा. राजेश कुमार ने बताया कि जिले में ट्रस्ट द्वारा संचालित दो गोशाला ही थी। इसके बाद बनत में वृहद गो-संरक्षण का निर्माण हो चुका है। साथ ही ग्राम पंचायत स्तर पर 32 अस्थाई गो-आश्रय स्थल बनाए जा चुके हैं। वहीं, अब नगली जमालपुर गांव में वृहद गो-संरक्षण केंद्र 2.004 हेक्टेयर भूमि पर बनना शुरू हो गया है। दो से तीन माह में कार्य पूरा करने का लक्ष्य रखा है। इसमें 400 पशुओं के लिए चार टिन शेड, एक औषधालय कक्ष, भूसा गोदाम और पेयजल आदि की व्यवस्था रहेगी।

अभी भी बेसहारा हैं काफी पशु

पिछले ढाई साल में सड़कों पर बेसहारा पशुओं की संख्या काफी बढ़ गई थी। अनुपयोगी पशुओं को लोगों ने सड़कों पर बेसहारा छोड़ दिया। ये पशु भूख शांत करने के लिए किसी के भी खेत में घुस जाते, जिससे फसल को भी नुकसान पहुंचता। वहीं कुछ पशु भूख तो कुछ हादसों के चलते भी अपनी जान गंवा रहे थे। जनवरी से अब तक यह समस्या काफी हद तक कम हो गई है, लेकिन अभी भी काफी पशु बेसहारा घूम रहे हैं। ये कूड़े के ढेरों में भोजन की तलाश करते हैं और ग्रामीण क्षेत्रों में फसलों को भी नुकसान पहुंचा रहे हैं।

192 पशु पालन को दिए

मुख्यमंत्री बेसहारा पशु गोवंश सहभागिता योजना के तहत जिले में कुल 896 गोवंश इच्छुक लोगों को पालन के लिए दिए जाने हैं। एक गोवंश का पालन करने पर 30 रुपये प्रतिदिन भरण पोषण के लिए दिए जाएंगे। मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डा. राजेश कुमार ने बताया कि 192 गोवंश 136 लोगों को दिए गए हैं।


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