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नहीं मिली लंबी दूरी की रेल, सरकार को बताया-फेल

जागरण संवाददाता, शामली : जनपदवासियों को पिछले सालों की तरह इस बार भी रेल बजट में कुछ नह

By JagranEdited By: Published: Fri, 01 Feb 2019 10:33 PM (IST)Updated: Fri, 01 Feb 2019 10:33 PM (IST)
नहीं मिली लंबी दूरी की रेल, सरकार को बताया-फेल
नहीं मिली लंबी दूरी की रेल, सरकार को बताया-फेल

जागरण संवाददाता, शामली : जनपदवासियों को पिछले सालों की तरह इस बार भी रेल बजट में कुछ नहीं मिल पाया। न तो दूर की रेल मिली और न ही सुविधा के नाम पर कुछ अन्य। पूर्व के समय से जनपद में शुरू किया गया विद्युतीकरण का काम भी कछुआ चाल से चल रहा है। इस साल जनपदवासियों ने लंबी दूरी की रेल मिलने की उम्मीद लगाई थी लेकिन ऐसा नहीं हो सका। और तो और रेल यात्रा के लिए कुछ अन्य सुविधा भी नहीं मिल सकी। जनपदवासियों ने आम बजट में पेश किए गए रेल बजट पर निराशा जताई है।

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पी-15 : शुक्रवार को दोपहर के समय ट्रेन में सहारनपुर जा रहे बड़ौत निवासी रमन मनोचा का कहना है कि शामली-सहारनपुर-दिल्ली रेलमार्ग एक ही है। इस रेलमार्ग पर चलने वाली ट्रेनों की हालत खराब है। यहां की ट्रेन यदा कदा ही समय पर चलती है। एक दो एक्सप्रेस ट्रेन को छोड़कर सभी ट्रेन पैसेंजर हैं। इस बार रेल बजट से उम्मीद थी कि लंबी दूरी की ट्रेन मिलेगी। साफ सफाई पर ध्यान दिया जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।

पी-16 : सहारनपुर के गंगोह निवासी बबलू भी दिल्ली से सहारनपुर जा रहे थे। उन्होंने कहा कि सहारनपुर से तो बहुत ट्रेन है लेकिन सहारनपुर से दिल्ली जाने के लिए पैसेंजर ट्रेन नाम मात्र को ही है। इस मार्ग पर एक्सप्रेस ट्रेन चलाई जानी चाहिए थी, लेकिन केंद्र सरकार ने अपने बजट में इस रेलमार्ग पर कोई सुविधा नहीं दी।

पी-17 : शामली के गांव कसेरवा कला निवासी शुभम दिल्ली में रहकर एलएलबी की शिक्षा ग्रहण कर रहा है। शुभम ने कहा कि वह अपने घर आने व जाने के लिए ट्रेन की ही यात्रा करता है लेकिन उसे आने जाने में काफी समय लगता है। यदि इस मार्ग पर एक्सप्रेस ट्रेन हो तो यात्रा आसान हो जाए। लेकिन सरकार ने इस मार्ग पर न तो लंबी दूरी की ट्रेन चलाई न ही एक्सप्रेस ट्रेनों की संख्या बढ़ाई। यह स्थिति जनपदवासियों के लिए बेहद ही निराशाजनक है।

पी-18: शामली के गांव गोगर निवासी बुजुर्ग जसवीर ¨सह का कहना था कि शामली में कई बड़े नेता हुए। उन्होंने जनपद में रेल सुविधा के लिए बहुत कम सोचा। पूर्व सांसद स्व. हुकुम ¨सह के प्रयास से इस रेलमार्ग पर विद्युतीकरण का कार्य शुरू हुआ। लेकिन वह भी दो साल से धीमी गति से चल रहा है। जिस कारण वह पूरा नहीं हो सका। रही बात दोहरीकरण व शामली से कैथल मार्ग पर रेलवे लाइन बनाने की, तो यह सब बातें भी एक सपना ही बनी हुई है।

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