गन्ने का भाव मिले 450, फसल अवशेष जलाने पर न हो प्रतिबंध
गन्ना मूल्य बढ़ाने और पराली आदि फसल अवशेष जलाने पर प्रतिबंध हटाने समेत विभिन्न मांगों को लेकर गुरुवार को भाकियू (भानु) ने कलक्ट्रेट में प्रदर्शन किया।
शामली, जेएनएन। गन्ना मूल्य बढ़ाने और पराली आदि फसल अवशेष जलाने पर प्रतिबंध हटाने समेत विभिन्न मांगों को लेकर गुरुवार को भाकियू (भानु) ने कलक्ट्रेट में प्रदर्शन किया। प्रशासन के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन प्रेषित किया। मांगें पूरा नहीं होने पर आंदोलन की चेतावनी दी।
भाकियू (भानु) के राष्ट्रीय महासचिव अनिल तोमर ने कहा कि तीन साल से गन्ने का भाव नहीं बढ़ाया गया है। डीजल, उर्वरक, बिजली आदि के दाम में वृद्धि होने से उत्पादन लागत काफी बढ़ गई है। शामली गन्ना बेल्ट है और किसान गन्ने की फसल पर ही निर्भर होता है। सरकार ने किसानों के साथ बड़ा धोखा किया है। कम से कम 450 रुपये प्रतिकुंतल गन्ने का भाव होना चाहिए। सरकार सिर्फ मिल मालिकों के हितों के बारे में सोचती है। पराली और पत्ती आदि फसल अवशेष जलाने पर किसानों पर जुर्माने और मुकदमा दर्ज करने की कार्रवाई हो रही है। फसल अवशेष जलाने पर प्रतिबंध नहीं होना चाहिए। प्रतिबंध लगाने से पहले किसानों को फसल अवशेष नष्ट कराने के उपकरण सरकार उपलब्ध कराए। अभी तक गन्ने के बकाए का भुगतान भी नहीं हुआ है। शीघ्र संपूर्ण भुगतान हो और पिछले दो सालों का ब्याज भी किसान को दिलाया जाए। भाकियू ने मांग उठाई कि पंजाब और हरियाणा राज्य की तरह उत्तर प्रदेश में भी किसानों को सिचाई के लिए बिजली मुफ्त की जाए। इसके अलावा किसानों के दस वर्ष से पुराने ट्रैक्टर आदि वाहनों पर भी कोई प्रतिबंध न हो। इस दौरान प्रदेश महासचिव शक्ति सिंह, जिलाध्यक्ष मैनपाल विश्वकर्मा, महिला जिलाध्यक्ष सुषमा, अशोक कुमार, ठाकुर प्रह्लाद सिंह, पवन सैनी, हर्ष राणा, विनीत रोड़, संजय पांचाल, नीलम गुर्जर आदि मौजूद रहे।