बैंककर्मियों ने रखी हड़ताल, विरोध-प्रदर्शन
एआईबीईए व अन्य श्रम संगठनों के आह्वान पर शामली में बैंककर्मियों ने हड़ताल रखी। हड़ताल के चलते बैंक के कामकाज पर काफी प्रभाव देखने को मिला।
शामली, जेएनएन। एआईबीईए व अन्य श्रम संगठनों के आह्वान पर शामली में बैंककर्मियों ने हड़ताल रखी। हड़ताल के चलते बैंक के कामकाज पर काफी प्रभाव देखने को मिला। कर्मचारियों ने कस्बा स्थित ओरियंटल बैंक ऑफ कामर्स की शाखा के सामने एकत्रित होकर विरोध-प्रदर्शन किया। उन्होंने नारेबाजी करते हुए अपनी विभिन्न मांगों को पूरा करने पर जोर दिया।
बुधवार को दस केंद्रीय मजदूर संगठनों के तत्वावधान में देशव्यापी हड़ताल में शामली के बैंक कर्मचारी शामिल रहे। इसके चलते बुधवार को बैंकिग सेवाएं प्रभावित रहीं। बैंक शाखाओं में नकदी जमा करने और निकालने समेत अन्य कार्य नहीं हो सके। हालांकि बैंककर्मियों ने उपभोक्ताओं को पहले से ही हड़ताल के बारे में आगाह कर दिया था, जिसके चलते बैंकों में उपभोक्ताओं की संख्या भी न के बराबर ही रही। वहीं दिनभर हुई बूंदाबांदी के चलते भी लोगों ने बैंकों का रुख नहीं किया। हनुमान रोड स्थित ओरियंटल बैंक ऑफ कॉमर्स की शाखा पर इंद्रपाल राठी और विपिन पूनिया के नेतृत्व में बैंककर्मियों ने प्रदर्शन किया। इंद्रपाल राठी ने बताया कि कथित बैंकिग सुधारों व बैंकों के अवांछित विलय के विरोध, कारपोरेट घरानों से चूक किए गए ऋणों की वसूली के कठोर उपायों की मांग, वेतन पुनरीक्षण एवं संबंधित मुद्दों के शीघ्र निस्तारण समेत विभिन्न मांगों को लेकर प्रदर्शन किया जा रहा है। विपिन पूनिया ने कहा कि सरकार आर्थिक मुद्दों पर असफल है, जीडीपी की दर पिछले दस सालों में निम्नतम रहने की आशंका है। बेरोजगारी लगातार बढ़ रही है जबकि चंद पूंजीपतियों की पूंजी में लगातार वृद्धि हो रही है। उन्होंने कहा कि भारत पेट्रोलियम जैसे लाभप्रद संस्थानों को निजी हाथों में बेचा जा रहा है। वहीं रेलवे का निजीकरण शुरू किया गया है। ये सब राष्ट्रहित में नहीं प्रतीत हो रहा है। उन्होंने मांग उठाई कि बैंककर्मियों की वेतन वृद्धि का मुद्दा साल 2018 से लंबित है, इसका हल शीघ्र ही होना चाहिए। इस अवसर पर सुनील कुमार, राहुल देशवाल, निशांत तोमर, बिजेंद्र सिंह, शैलेंद्र यादव, जितेंद्र चौहान, मनोहर, शक्ति शर्मा, विशाल, संतराम, इंद्रपाल राठी, देवेंद्र, शंशाक शर्मा, नवीन जैन, शक्ति सिंह, नंद किशोर, तेजपाल सिंह मलिक आदि मौजूद रहे।