संवेदनाओं के सैलाब से पिघल गया कोरोना के गमों का पहाड़
तीन महीने में कोरोना संक्रमण ने गमों का जो पहाड़ खड़ा किया था बुधवार को आए संवेदनाओं से सैलाब ने उसकी जड़ें खोखली कर दी। दिल पर गमों का बोझ आंखों से निकले आंसुओं के साथ ही बह गया।
शामली, जागरण टीम। तीन महीने में कोरोना संक्रमण ने गमों का जो पहाड़ खड़ा किया था, बुधवार को आए संवेदनाओं से सैलाब ने उसकी जड़ें खोखली कर दी। दिल पर गमों का बोझ आंखों से निकले आंसुओं के साथ ही बह गया। क्या हिदू, क्या मुसलमान, क्या सिख और क्या ईसाई। सभी जुबां पर एक ही प्रार्थना, एक ही अरदास, एक ही दुआ थी कि कोरोना ने हमसे जो लोग छीन लिए हैं, ईश्वर उनकी आत्मा को शांति दें। मंदिर, मस्जिद, गुरुवार और चर्च से एक ही सदा गूंजी कि उन स्वजनों को हिम्मत दें, जिनके घरों में कोरोना ने मौत का तांडव किया है। उन लोगों को सेहत की नेमतें दो, जो इस बीमारी की चपेट में हैं। हां उन लोगों में नई ऊर्जा का संचार करो, जो इस बीमारी से निपटने में दिन-रात जुटे हैं। अपनी और अपनों की जान की परवाह किए बिना।
दैनिक जागरण ने सर्वधर्म प्रार्थना के आयोजन का आह्वान किया तो पूरे जनपद ने सहभागिता करते हुए पलक-पांवड़े बिछा दिए। बुधवार सुबह जैसे ही सुबह के 11 बजे तो हर कोई कुछ देर के लिए सबकुछ भुलकर कोरोना पीड़ितों के पक्ष में आया। कोरोना ने जिन लोगों की जिदगी लील ली है, कई स्वजन तो उनके अंतिम संस्कार में भी शामिल नहीं हो पाए थे। आज मौका मिला तो सभी ने उनकी आत्मा की शांति के लिए दुआ की। कोरोना की चपेट में आए लोगों के जल्द स्वस्थ होने की कामना की और साथ ही उन लोगों में नया उत्साह के संचार की प्रार्थना की, जो कोरोना महामारी से लड़ रहे हैं। यानि हमारा चिकित्सीय स्टाफ और व्यवस्था में हमराह बने पुलिस और प्रशासनिक महकमे के अधिकारी व कर्मचारी। कैराना सांसद प्रदीप चौधरी, गन्ना मंत्री सुरेश राणा, शामली विधायक तेजेंद्र निर्वाल, जिलाधिकारी जसजीत कौर, एसपी सुकीर्ति माधव, सीडीओ शंभूनाथ तिवारी, जिला प्रशासन, पुलिस महकमा, विकास भवन, पंचायती राज विभाग ने भी सक्रिय भागीदारी की। इसके अलावा शहर की धड़कन हनुमान धाम पर लोग जुटे और सभी ने दैनिक जागरण के विशेष कार्यक्रम सर्वधर्म प्रार्थना में उपस्थिति दर्ज कराई। शामली इंडस्ट्रीयल एस्टेट मेन्यूफैक्चरिग एसोसिएशन, अखिल भारतीय वैश्य महासम्मेलन, लोक स्वास्थ्य सेवा समिति, भारतीय एकता कमेटी, एनएसएस, वरिष्ठ नागरिक वेलफेयर सोसायटी, किसान यूनियन, पश्चिमी उत्तर प्रदेश संयुक्त उद्योग व्यापार प्रतिनिधिमंडल, शिक्षक, बच्चे, विभिन्न महिला संगठन, पंतजलि योग समिति के साथ ही कैराना, कांधला, झिझाना, ऊन, थानाभवन, जलालाबाद और शामली जिला मुख्यालय पर समाज के सभी वर्गो में इस आयोजन में उत्साह से शिरकत की। हिदू, मुस्लिम, सिख एवं ईसाई धर्मों के गुरुओं ने भी इस आयोजन के लिए दैनिक जागरण की सराहना की। सबसे बड़ा सुकून तो उन्हें मिला, जो अपने स्वजनों का अंतिम संस्कार तक नहीं कर पाए थे। कोविड प्रोटोकाल के चलते चिकित्सक और प्रशासन उन्हें अनुमति ही नहीं दे पाया। इनमें से अधिकांश तो ऐसे थे, जिन्होंने अपने मृतक स्वजनों का अंतिम चेहरा भी नहीं देखा था। ऐसे में वे अंदर ही अंदर घुट रहे थे। जैसे ही मौका आया और लोग उनके साथ खड़े हुए तो उनकी आंखों से पीड़ा का सैलाब बह निकला। हालांकि स्वजनों के जाने की टीस तो उम्रभर भी नहीं मिट पाएगी, लेकिन उन्हें एक बात से संतोष जरूर मिला कि उनके गम में जाने-अनजाने हजारों लोग शामिल हुए और जो गम उन्हें अंदर-अंदर खाए जा रहा था तो आंसुओं के साथ वह भी बह निकला।
आज उन्हें भी सुखद अहसास हुआ, जो कोरेाना की चपेट में हैं। आज उन्हें भी लगा कि हजारों लोग उनके स्वास्थ्य और जीवन को लेकर हजारों लोग प्रार्थना कर रहे हैं। यह दृश्य देखकर उनके अंदर की ताकत ने उन्हें यह अहसास दिया कि अब वे जल्द ही इस बीमारी की चपेट से मुक्त हो जाएंगे।
सबसे अहम था कोरोना योद्धाओं की हौसला अफजाई। वे अपने घर-परिवार वालों को छोड़कर जिस तरह से लगातार ड्यूटी कर रहे हैं। ठीक होने वाले लोग तो उन्हें धन्यवाद कर रहे थे, लेकिन आज एक समय में इतनी बड़ी संख्या में लोगों ने उनका उत्साह बढ़ाया तो उनके अंदर भी नई ऊर्जा का संचार हुआ। आज उनके चेहरों पर थकावट नहीं बल्कि नया जोश दिख रहा था। मानों कह रहे हों कि कोरोना तुझे हराकर ही दम लेंगे। हां, आज समाज के सभी वर्गों के लोगों ने एक सुर में कहा-धन्यवाद जागरण।