जनपद में अब तक सिर्फ 494 कुंतल गेहूं खरीदा
जिले में अब तक सिर्फ 494 कुंतल गेहूं की हुई खरीद
जागरण संवाददाता, शामली : जिले में अभी तक सिर्फ 494 कुंतल गेहूं की ही खरीद हुई है, जबकि पिछले साल 20 अप्रैल तक 2500 कुंतल की खरीद क्रय केंद्रों पर हो चुकी थी। इसका कारण मौसम का मिजाज बताया जा रहा है। अगले सप्ताह से गेहूं खरीद में तेजी आने की उम्मीद है।
गेहूं क्रय की अवधि एक अप्रैल से 15 जून तक निर्धारित है। जिले में कुल 27 क्रय केंद्र खोले गए हैं, पर अधिकांश पर अभी तक एक भी गेहूं के दाने की खरीद नहीं हो सकी है। साथ ही सिर्फ 148 किसानों ने ही ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराया है, जबकि पिछले साल 6216 किसानों से गेहूं खरीद हुई थी। जिला खाद्य विपणन अधिकारी निहारिका सिंह ने बताया कि इस बार मौसम में ठंडक पिछले साल के मुकाबले देर तक रही। इसके चलते फसल पकने में अधिक वक्त लगा। साथ ही जो किसान फसल काटने की तैयारी कर रहे थे, लेकिन चार दिन पहले बारिश हो गई। कभी धूप निकल जाती है तो कभी बादल छा जाते हैं। ऐसे में किसान फसल काट नहीं पा रहे हैं। किसानों से हम लगातार संपर्क कर रहे हैं।
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1840 रुपये प्रति कुंतल है समर्थन मूल्य
गेहूं का समर्थन मूल्य इस बार 1840 रुपये प्रति कुंतल है। इसके अलाव 20 रुपये प्रति कुंतल उतराई और छनाई के मिलेंगे, लेकिन ये 20 रुपये किसान को क्रय केंद्र पर श्रमिकों को नकद देने होंगे और बाद में किसान के खाते में 1860 रुपये प्रति कुंतल की दर से भुगतान होगा।
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इनका होगा सत्यापन
किसान को क्रय केंद्र पर गेहूं बेचने के लिए एफसीएस डॉट यूपी डॉट जीओवी डॉट इन पर रजिस्ट्रेशन कराना होगा। इसमें किसान को जानकारी भरनी होगी कि कितनी भूमि पर गेहूं की फसल है और इसमें से वह कितना क्रय केंद्र पर बेचना चाहते हैं। साफ्टवेयर गणना कर लेगा कि औसत कितना उत्पादन होगा। अगर 100 कुंतल से अधिक औसत उत्पादन होगा तो सत्यापन के लिए मैसेज संबंधित एसडीएम के पास चला जाएगा। इसके बाद हलका लेखपाल मौके पर जाकर देखेंगे कि वास्तव में इतनी फसल किसान है या नहीं। जिला खाद्य विपणन अधिकारी निहारिका सिंह ने बताया कि इस व्यवस्था का उद्देश्य ये है कि किसान बिचौलियों के चंगुल में न फंसें। एक हेक्टेयर भूमि पर करीब 52 कुंतल गेहूं उत्पादन का औसत है।
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पहले ही करा लें रजिस्ट्रेशन
खाद्य विपणन विभाग विभिन्न माध्यमों से किसानों से रजिस्ट्रेशन कराने की अपील कर रहा है। बिना रजिस्ट्रेशन खरीद नहीं की जाएगी। हालांकि, क्रय केंद्र पर रजिस्ट्रेशन की सुविधा है, पर सर्वर आदि की दिक्कत रही तो किसान को बैरंग लौटना पड़ेगा। जनसेवा केंद्र पर जाकर भी रजिस्ट्रेशन कराया जा सकता है।