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14 राजस्व गांव का जिले से नहीं हटा संबद्धीकरण

कांधला (शामली): 28 सितंबर 2011 को पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने 73वें जनपद के रूप में प्रबुद्धनगर जन

By JagranEdited By: Published: Thu, 03 Jan 2019 10:30 PM (IST)Updated: Thu, 03 Jan 2019 10:30 PM (IST)
14 राजस्व गांव का जिले से नहीं हटा संबद्धीकरण

कांधला (शामली): 28 सितंबर 2011 को पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने 73वें जनपद के रूप में प्रबुद्धनगर जनपद बनाने की घोषणा की थी। भौगोलिक स्थिति के आधार पर जनपद मुजफ्फरनगर व शामली की सीमांर्तगत ग्राम सभाओं का विलय किया गया था। शासन-प्रशासन की चूक से खंड विकास बुढ़ाना की 14 ग्राम सभाएं जनपद शामली के कांधला सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के उपकेन्द्र में ही जुड़ी रह गई। गांव खरड़, अमनपुरा, गढ़मलपुर, करौदा महाजन, खेड़ामस्तान, फुगाना, डूंगर, राजपुर, छाजपुर, बिराल, कमरूदीननगर,हरियाखेड़ा, सरनावली सहित 14 ग्राम पंचायतें जनपद मुजफ्फरनगर के बुढ़ाना ब्लॉक में शामिल हैं, लेकिन स्वास्थ्य सेवाओं के लिए कांधला सामुदायिक स्वास्थ्य उपकेन्द्र शाखा से जुड़ी है, जिसके चलते कांधला सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर गैर जनपद की 14 ग्राम सभाओं को अत्याधिक भार बढ़ने से समस्याएं उत्पन्न हो रही है। ग्रामीणों को रुबेला, प्लस पोलियो, सहित अन्य स्वास्थ्य सेवाओं के लिए दोनों जनपदों के अधिकारियों के यहां चक्कर काटने पड़ते है। कांधला सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कई बार जनपद शामली प्रशासन के साथ मुजफ्फरनगर प्रशासन को पत्र लिखकर 14 ग्राम सभाओं को हटाए जाने की मांग कर चुके हैं। बुढ़ाना से भाजपा विधायक उमेश मलिक भी कई बार दोनों प्रशासन के डीएम को पत्र लिखकर 14 ग्राम पंचायतों को मुजफ्फरनगर में हस्तांतरित करने की मांग कर चुके हैं, लेकिन शामली जनपद बनने के आठ वर्ष बीत जाने के बाद भी दोनों जनपदों के प्रशासनिक अधिकारियों की धींगामस्ती यह प्रयास सफल नहीं हो पाए है। 14 ग्राम पंचायतों के भविष्य तय होने का यह मामला अधर में ही लटका हुआ है। जिसका नुकसान 14 ग्राम पंचायतों के ग्रामीणों को भुगतना पड़ रहा है। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. रमेश चंद आर्य का कहना है कि कई बार दोनों जनपदों के प्रशासन को लिखित रूप में समस्या से अवगत कराया जा चुका है, लेकिन समस्या का कोई निस्तारण नहीं हो सका। 14 ग्राम पंचायतों पर नियंत्रण गैर जनपद है। जिसके चलते स्वास्थ्य संबंधी कार्यक्रम पूर्ण रूप से सफल नहीं हो रहे है।

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