Sanskarshala 2022: इंटरनेट पर उपलब्ध दूषित सामग्री बच्चों पर डाल रही गलत प्रभाव, प्यार से हल करें समस्या
Sanskarshala 2022 इंटरनेट पर उपलब्ध दूषित सामग्री इन पर गलत मानसिक प्रभाव डालती है। उन्हें शिष्टाचार से दूर ले जा रही है। इंटरनेट सूचना का विशाल स्रोत माना जाता है। ये छात्रों के लिए एक वरदान भी साबित हुआ है।
शाहजहांपुर, जागरण संवाददाता। Sanskarshala 2022: शाहजहांपुर के लीड कांवेंट स्कूल की प्रधानाचार्य तराना जमाल ने कहा कि तकनीक के इस आधुनिक युग में रोटी, कपड़ा और मकान के अलावा आज हर इंसान के लिए एक और बुनियादी जरूरत जो सामने आ रही है वह है ‘इंटररनेट’। न केवल बड़ों के लिए बल्कि बच्चों के लिए भी। इसके बिना दिन गुजारना जैसे संभव ही नहीं। या फिर यूं कहें कि इंटरनेट ने हमारे जीवन के मायने पूरी तरह से बदल दिए हैं। इसने हमारे जीवन के स्तर को ऊंचा कर दिया है और कई कार्यों को बहुत सरल और आसान बना दिया है। हालांकि इसने कई नुकसानों को भी जन्म दिया है। इनमें समय का व्यर्थ होना, धोखाधड़ी, स्पैमिंग और हैकिंग शामिल हैं। बेशक इंटरनेट पर बहुत सी उपयोगी सामग्री मौजूद हैं, जिसे अपने कामकाज, व्यापार के लिए और बच्चे अपनी पढ़ाई के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं। लेकिन तकनीकी के इस वरदान को कुछ लोगों ने गलत तरह का कंटेंट डालकर दूषित कर दिया है। किशोर हों या बच्चे गलत चीजों के प्रति बहुत जल्दी आकर्षित भी हो जाते हैं।
कुछ छात्र करते इंटरनेट का दुरुपयोग
इंटरनेट पर उपलब्ध दूषित सामग्री इन पर गलत मानसिक प्रभाव डालती है। उन्हें शिष्टाचार से दूर ले जा रही है। इंटरनेट सूचना का विशाल स्रोत माना जाता है। ये छात्रों के लिए एक वरदान भी साबित हुआ है। क्योंकि किसी भी विषय या पाठ से संबंधित सारी जानकारी इस पर उपलब्ध है। माता-पिता भी बच्चों को इंटरनेट का उपयोग करने की अनुमति इसलिए देते हैं ताकि वे अपनी परीक्षाओं के लिए बेहतर तरीके से तैयार कर सकें, पर कई बार छात्र इसका दुरुपयोग भी करते हैं।
इंटरनेट पर मूल्यवान समय नष्ट करती है युवा पीढ़ी
पढ़ाई के साथ-साथ इंटरनेट पर उपलब्ध विभिन्न प्रकार के वीडियो देखते हैं। गेम खेलते हैं। जल्द ही वे इसके आदी हो जाते हैं। इसका ग्लैमर ऐसा कि अपनी, मित्रों और परिवार के सदस्यों की फोटो व पोस्ट डालकर लाइक्स और कमेंट चेक करते रहते हैं, जिससे अपना मूल्यवान समय नष्ट करते हैं। माता-पिता को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि अपने बच्चों को इंटरनेट एक्सेस प्रदान करने के साथ-साथ किस तरह बच्चे उसका उपयोग कर रहे हैं उस पर भी नज़र रखें। ऐसी वेबसाइट जो बच्चों के लिए उपयुक्त नहीं हैं। उनको ब्लाक किया जाना उचित है।
माता-पिता समझदारी से बच्चों को दिखाएं सही रास्ता
अमर की कहानी में भी यही बताया गया है। एक छोटा बच्चा वह इंटरनेट का कैसे उपयोग कर रहा है और कैसे उसके पिता ने समझदारी से काम लेते हुए उस समस्या का समाधान निकाल लिया। हमें लगता है कि आज अगर सभी माता-पिता इतने समझदार हो जाए, वह भी अपने बच्चे को एक सही रास्ता दिखा सकते हैं, इंटरनेट को कैसे उपयोग करना है। कब उपयोग करना है। किसकी निगरानी में उपयोग करना है। इस सबका उसी तरह ध्यान रखना होगा जिस तरह रमेश ने समझदारी से समाधान ढूंढ लिया। प्यार और समझदारी से हम भी इसी तरह किसी भी समस्या का समाधान निकाल सकते हैं ! - तराना जमाल, प्रधानाचार्य लीड कांवेंट