आठ साल बाद एफसीआइ गोदाम में होगा गेहूं का भंडारण
गेहूं खरीद में भंडारण की किल्लत दूर करने के लिए प्रशासन ने आठ साल से बंद भारतीय खाद्य निगम के गोदाम व परिसर की सफाई व मरम्मत शुरू करा दी है। इससे यहां पांच लाख क्विंटल का भंडारण किया जा सकेगा। हालांकि देखरेख का जिम्मा राज्य भंडारण निगम का रहेगा।
जेएनएन, शाहजहांपुर : गेहूं खरीद में भंडारण की किल्लत दूर करने के लिए प्रशासन ने आठ साल से बंद भारतीय खाद्य निगम के गोदाम व परिसर की सफाई व मरम्मत शुरू करा दी है। इससे यहां पांच लाख क्विंटल का भंडारण किया जा सकेगा। हालांकि देखरेख का जिम्मा राज्य भंडारण निगम का रहेगा।
आठ साल पूर्व कर्मचारियों के हड़ताल के कारण एफसीआइ गोदाम को बंद कर दिया गया था। इस बीच परिसर में झाड़ियां उग आयीं। गोदाम बदहाल हो गए। डीएम ने भंडारण की किल्लत देख भारतीय खाद्य निगम के मंडल प्रबंधक अखिलेश्वर ओझा समेत उच्चाधिकारियों से अठसलिया गोदाम को किराए पर देने के लिए राजी किया। जिलाधिकारी के प्रयास पर एफसीआइ राज्य भंडारण निगम को किराए पर गोदाम देने के लिए राजी हो गया। गत सप्ताह गोदाम तथा परिसर की साफ सफाई करायी गई।
55 लाख क्विंटल भंडारण के लिए चाहिए गोदाम
जनपद में इस वर्ष 44 लाख क्विटल धान खरीदा गया। 25 से 30 क्विटल गेहूं खरीद का अनुमान है। इसी को ध्यान में रखकर प्रशासन गोदाम की व्यवस्था करता है। 30 लाख एफसीआइ समेत करीब 35 लाख क्विंटल की ही क्षमता है प्रशासन के पास।
फैक्ट फाइल
- 55 लाख क्विटल खाद्यान्न भंडारण के लिए प्रशासन को चाहिए गोदाम
- 30 लाख क्विटल के करीब भंडारण क्षमता है एफसीआइ के गोदाम की
- 10 लाख क्विंटल की जगह खाली एफसीआइ के नियमित गोदाम में
- 5 लाख क्विंटल अठसलिया गोदाम में जगह हो गई
- 60 हजार क्िवटल अंकुर गोदाम
- 50 हजार क्विटल एग्रोफिन
- 1.5 लाख क्विंटल कृभको गोदाम
- 50 हजार क्विटल गोदाम टाई गोदाम नगरिया मोड़
वर्जन
प्रतिवर्ष करीब 25 लाख क्विटल गेहूं के भंडारण को गोदाम की जरूरत होती है। सरकारी गोदाम कम हैं। इसलिए निजी गोदाम को किराए पर लेकर भंडारण किया जाता है। एफसीआइ के बंद गोदाम को भंडारण के व्यवस्थित कराए जाने से काफी मदद मिलेगी।
कुमार कमलेश पांडेय, जिला खाद्य एवं विपणन अधिकारी