बनने से पहले आइटीआइ को निजी हाथों में देने की तैयारी
नगर में बन रहा आइटीआइ (औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान) तैयार होने से पहले ही निजी हाथों में जा सकता है। सरकार ने जिन 40 आइटीआइ का संचालन निजी हाथों में देने का निर्णय लिया है उनमें तिलहर भी शामिल है। हालांकि इस संबंध में कोई आधिकारिक आदेश अभी नहीं आया है।
जेएनएन, शाहजहांपुर: नगर में बन रहा आइटीआइ (औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान) तैयार होने से पहले ही निजी हाथों में जा सकता है। सरकार ने जिन 40 आइटीआइ का संचालन निजी हाथों में देने का निर्णय लिया है, उनमें तिलहर भी शामिल है। हालांकि इस संबंध में कोई आधिकारिक आदेश अभी नहीं आया है। 2016-17 में स्वीकृत हुई आइटीआइ के लिए तत्कालीन चेयरमैन इमरान खान ने उम्मरपुर मुहल्ले में नगर पालिका की भूमि उपलब्ध कराई थी। कार्यदायी संस्था राजकीय निर्माण निगम ने गाजियाबाद की फर्म को ठेका दिया था। इसका निर्माण 2019 तक पूरा हो जाना चाहिए था, लेकिन 2017 के विधानसभा चुनाव में सत्ता परिवर्तन के बाद काफी समय तक काम शुरू नहीं हो सका। लगातार पत्राचार के बाद तीन अक्टूबर 2018 को काम शुरू हो पाया।
ये होंगे लाभ
इस आइटीआइ के बनने से तहसील क्षेत्र के चार ब्लॉकों के छात्र-छात्राओं को लाभ मिलेगा। यहां इलेक्ट्रीशियन, टेक्नीशियन, मैकेनिकल, मोटर मैकेनिक आदि ट्रेडो में प्रशिक्षण दिया जाएगा।
आइटीआइ एक नजर में.
6.94 करोड़ रुपए का बजट हुआ था स्वीकृत
9.23 करोड़ रुपये हुआ रिवाइज बजट
02 एकड़ जमीन पर चल रहा है निर्माण कार्य
----
प्रदेश के उन आइटीआइ का निजीकरण किया जा रहा है, जहां अभी स्टाफ तैनात नहीं है या जो निर्माणाधीन हैं। निजीकरण के बाद कॉलेज में 40 फीसद सरकारी तथा 70 फीसद सीटें मैनेजमेंट कोटे की होंगी। सरकारी कोटे की सीट पर सरकार की ओर से निर्धारित फीस ली जाएगी। मैनेजमेंट की सीट पर अतिरिक्त फीस लगेगी।
एसके श्रीवास्तव, उप निदेशक, आइटीआइ प्रशिक्षण