चीनी परता में तिलहर मिल ने निगोही को दी मात
माफिया पर अंकुश व विभीषणों की बर्खास्तगी से तिलहर सहकारी चीनी मिल ने इस बार रिकवरी में आधुनिक चीनी मिल निगोही को मात दे दी है।
जेएनएन, शाहजहांपुर : माफिया पर अंकुश व विभीषणों की बर्खास्तगी से तिलहर सहकारी चीनी मिल ने इस बार रिकवरी में आधुनिक चीनी मिल निगोही को मात दे दी है। स्थापन से अब तक 9.30 फीसद से कम चीनी परता प्राप्त करने वाली तिलहर मिल ने इस बार दिसंबर में ही 10.55 फीसद की रिकवरी हासिल कर ली। इसे बड़ी उपलब्धि माना जा रहा है। तीन दिन दिन पूर्व भी चीनी मिल ने 10.35 फीसद रिकवरी के साथ निगोही चीनी मिल से आगे थी। चीनी मिल के प्रदर्शन से किसानों में खुशी की लहर है।
सहकारी चीनी मिल तिलहर में वर्ष 1981 से गन्ना पेराई शुरू हुई। उस समय 12500 क्विटल प्रतिदिन पेराई क्षमता थी। किसानों की मांग तथा गन्ना रकबा बढ़ने पर 1997- 98 में पेराई क्षमता को दूना कर दिया गया। गत वर्ष चीनी मिल ने 40.80 लाख क्विटल गन्ना पेराई के साथ करीब 9.38 फीसद रिकवरी प्राप्त की। शासन ने बदहाल स्थिति देख गन्ना विकास विभाग में अपर आयुक्त रहे शेरबहादुर सिंह को तिलहर चीनी मिल का प्रधान प्रबंधक बनाकर भेजा। उनके आने के बाद चीनी मिल ने रिकवरी में अब तक के सभी रिकार्ड तोड़ कर चीनी 10.55 फीसद चीनी परता हासिल कर लिया। जबकि रिकवरी में मंडल की टॉपर रही निगोही चीनी मिल से तीन दिन पूर्व तिलहर चीनी मिल 0.18 फीसद से आगे थी।
इंसेट
रोजा रिकवरी व भुगतान में हुई अव्वल
रोजा चीनी मिल ने 90 फीसद गन्ना बकाया भुगतान कर अव्वल स्थान प्राप्त किया। 12 फीसद रिकवरी के साथ चीनी परता में भी अवध समूह की चीनी मिल अव्वल है। जबकि निगोही इस बार भुगतान में पिछड़ गई है।
चीनी मिलों में गन्ना पेराई व चीनी परता पर के आंकड़े चीनी मिल : गन्ना पेराई - चीनी परता
रोजा : 12.60 लाख - 12 फीसद
मकसूदापुर : 17.22 लाख - 11.85 फीसद
निगोही : 28.60 लाख - 10.17 फीसद
तिलहर : 5.60 लाख - 10.35 फीसद
पुवायां : 14.0 लाख - 11 फीसद फोटो 15 एसएचएन 4
तिलहर चीनी मिल की पेराई क्षमता में सुधार हुआ है। ईआरपी सिस्टम के साथ ही गन्ना माफिया पर शिकंजा कड़ा किए जाने से यह परिणाम सामने आए है। प्रधान प्रबंधक की कार्यकुशलता से चीनी मिल ने नया रिकार्ड बनाया है। निगोही शीरा उत्पादन वृद्धि की वजह से रिकवरी में पीछे हो गई है।
डा. खुशीराम, जिला गन्ना अधिकारी फोटो 15 एसएचएन 5
ईआरपी सिस्टम, पर्ची वितरण की प्रभावी व्यवस्था, माफिया पर नियंत्रण तथा कर्मचारियों के सहयोग से अपेक्षित परिणाम सामने आए हैं। शासन व प्रशासन के सहयोग से भी बल मिला। गत वर्ष के सापेक्ष 1.50 फीसद अधिक चीनी परता से व्यवस्था में सुधार का प्रयास है।
शेर बहादुर सिंह, प्रधान प्रबंधक सहकारी चीनी मिल तिलहर