मेडिकल लीव के दौरान हाजिरी में फंसे शिक्षक, एफआइआर
बेसिक शिक्षा विभाग में मेडिकल लीव घोटाला का खुलासा हुआ है।
जागरण संवाददाता, शाहजहांपुर : बेसिक शिक्षा विभाग में मेडिकल लीव घोटाला का खुलासा हुआ है। क्षेत्रीय अधिकारियों की सांठगांठ से शिक्षक मेडिकल लीव से लौटने के बाद वेतन निकालकर बंदरबांट कर ऐश से नौकरी कर रहे थे। शिकायत पर बीएसए ने शिकंजा कसा। उन्होंने सरायंसाधौ तथा टॉपर प्राथमिक विद्यालय में शिक्षकों को पकड़ लिया। बीएसए राकेश कुमार ने कड़ा रुख अपनाते हुए दोनों शिक्षकों के खिलाफ दुरभि संधि, धोखाधड़ी, शिक्षक आचरण नियमावली के विरुद्ध कार्य करने समेत गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कराने के निर्देश दिए है।
बीएसए राकेश कुमार ने सरायंसाधौं के शिक्षक विक्रम कुमार तथा टॉपर विद्यालय के मोहम्मद असलम से लिखित वक्तव्य लेने के बाद कार्रवाई की।
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इस तरह दिया फ्रॉड को अंजाम
टॉपर प्राथमिक विद्यालय के शिक्षक असलम ने एक अप्रैल 2018 से 8 अप्रैल 18 तथा 23 अगस्त से सात सितंबर 2018 के बीच चिकित्सीय अवकाश लिया था। लेकिन प्रपत्र 9 में अवकाश का जिक्र न करके उपस्थित दर्शाकर वेतन ले लिया। रजिस्टर में भी हाजिरी लगा दी। इसी तरह सरायंसाधौं के विक्रम ने 27 अगस्त से आठ सितंबर तक चिकित्सीय अवकाश लिया। लेकिन रजिस्टर व वेतन के लिए दाखिल होने वाले प्रपत्र पर हाजिरी लगाकर वेतन ले लिया।
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अन्य कई शिक्षक रडार पर
जलालाबाद में यह गोरखधंधा लंबे समय से चल रहा है। बीएसए ने कई अन्य शिक्षक भी चिन्हित किए है। मिर्जापुर,
कलान के शिक्षक भी रडार पर है। फ्रॉड करने वालों की होगी सफाई
फर्जी बीटीसी से नौकरी करने वाले छह शिक्षकों को बर्खास्त किया जा चुका है। अब अभिलेखों से छेड़छाड़ व दुरभि संधि से फायदा उठाकर शिक्षा से खिलवाड़ करने शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी गई है। मामले में जो भी दोषी मिलेगा, बख्शा नहीं जाएगा।
राकेश कुमार, बीएसए तथ्य
- क्षेत्रीय कार्यालय की सांठगांठ से जलालाबाद में चल रहा था गोरखधंधा, बीएसए ने सराय साधौ तथा टॉपर प्राथमिक विद्यालय के शिक्षकों को पकड़ा
- एक अक्टूबर को निरीक्षण में दोनों विद्यालयों के शिक्षकों का पकड़ा गया था फर्जीवाड़ा, अवकाश के दौरान के वेतन की रिकवरी के भी आदेश