नहीं बढ़ा गन्ना मूल्य, प्रमुख सचिव ने जारी किया पत्र
गन्ना किसानों को मायूसी हाथ लगी है। गन्ना मूल्य परामर्शित समिति ने मूल्य वृद्धि के प्रस्ताव को खारिज कर दिया है।
जेएनएन, शाहजहांपुर : गन्ना किसानों को मायूसी हाथ लगी है। गन्ना मूल्य राज्य परामर्शित समिति में किसानों के मूल्य वृद्धि के प्रस्ताव को समिति ने खारिज कर दिया। अब पुरानी दर ही चीनी मिलें गन्ना मूल्य का भुगतान करेगी। रोजा तथा निगोही चीनी मिल ने पुराने मूल्य दर पर भुगतान की शुरुआत भी कर दी है।
गत माह मुख्य सचिव राजन प्रसाद तिवारी की अध्यक्षता में गन्ना मूल्य निर्धारित परामर्शित समिति की बैठक हुई। जनपद से किसान प्रतिनिधि के रूप में शामिल प्रगतिशील कृषक कौशल मिश्रा ने 400 रुपये प्रति क्विटल गन्ना मूल्य दिए जाने की मांग की। शेष चार अन्य किसानों ने भी समर्थन किया। समिति ने चीनी मिलों के हालात किसानों को समय से गन्ना भुगतान कराने के लिए गन्ना मूल्य बढ़ाने का प्रस्ताव खारिज कर दिया। गन्ना आयुक्त व प्रमुख सचिव गन्ना विकास व चीनी उद्योग संजय आर भूसरेड्डी की ओर से इस बावत चीनी मिलों को पत्र भी जारी कर दिया गया है। इसके तहत चीनी मिलें अब अर्ली प्रजाति का 325 रुपये, सामान्य प्रजाति का 315 तथा स्वीकृत गन्ना किस्म का 310 रुपये प्रति क्विटल की दर से भुगतान करेंगे।
पर्चियों पर छपने लगा पुराना रेट
रविवार को गन्ना क्रय केंद्रों पर तौल के बाद पर्चियों पर गन्ना मूल्य का छपना भी शुरू हो गया है। पर्ची पर मूल्य के साथ परिवहन व्यय कटौती को भी अंकित किया जा रहा है। चीनी मिल गेट पर किसानों को पूरा मूल्य मिलेगा, लेकिन क्रय केंद्रों पर दूरी के हिसाब से 42 पैसे प्रति किमी दर के अनुरूप कम पैसा मिलेगा। अधिकतम कटौती 8.35 रुपये होगी।
रोजा चीनी मिल ने 20 नवंबर तक का 24.42 करोड़ का किया भुगतान
रोजा चीनी मिल ने निगोही चीनी मिल को पीछे छोड़ते हुए 20 नवंबर तक का 24.42 करोड़ रुपये का भुगतान कर दिया है। निगोही चीनी मिल ने 15 दिसंबर तक का 6.26 करोड़ का भुगतान गन्ना किसानों के खाते में
भेजा है।
समितियों का कमीशन भी पूर्ववत
गन्ना समितियों का कमीशन भी नहीं बढ़ा है। पूर्व की तरह चीनी मिलें सहकारी गन्ना समितियों को 550 रुपये प्रति क्विटल की दर से कमीशन का भुगतान करेगी। इसमें से 75 फीसद समितियों अपने पास रखेगी। 25 फीसद गन्ना विकास परिषद को निर्माण कार्यों के लिए भेज दिया जाएगा। गन्ना मूल्य निर्धारण राज्य परामर्शित समिति से गन्ना मूल्य नहीं बढ़ाया है। पूर्व की तरह ही किसानों को गन्ना मूल्य का भुगतान होगा। इस बार 14 दिन के अंतराल पर किसानों को भुगतान कराने का प्रयास रहेगा।
डॉ. खुशीराम, जिला गन्ना अधिकारी 400 रुपये प्रति क्विटल गन्ना मूल्य होना चाहिए था। लगता है चुनावी साल में गन्ना मूल्य बढ़ेगा। लागत को देख वृद्धि जरूरी थी।
- मनोज पाठक गन्ना मूल्य वृद्धि न होने से निराशा हाथ लगी है। यदि समय से किसानों को वर्तमान मूल्य ही मिल जाए तो किसान संतुष्ट रहेगा। चीनी मिलों को इस पर ध्यान देना चाहिए।
- प्रवीण शुक्ला