गन्ना विभाग ने कराई आर्थिक गणना, 1.97 लाख सालाना कमा रहे किसान
नरेंद्र यादव, शाहजहांपुर : किसानों की आय आकलन के लिए गन्ना विकास विभाग ने आर्थिक गणना कराई है। जनपद में प्रति किसान औसत आय एक लाख 97 हजार सालान आय का आकलन किया गया है। जबकि प्रति किसान औसत भूमि 1.217 हेक्टेयर तथा गन्ना रकबा 0.831 हेक्टेयर है। अपर मुख्य सचिव संजय आर भूसरेड़डी ने मई माह में आर्थिक गणना के निर्देश दिए थे। जनपद में 32 टीमों को लगाकर आर्थिक गणना कराई गई। प्रत्येक गन्ना विकास परिषद से रिपोर्ट आ गई है। जिला गन्ना अधिकारी डा. खुशीराम ने अपर मुख्य सचिव को ब्योरा भेज दिया है।
प्रत्येक गन्ना विकास परिषद से आठ गांव का चयन कर उनके 50 किसानों से बातचीत कर आर्थिक आकलन किया गया। इस तरह जनपद की चार गन्ना विकास परिषद के 32 गांव के 1600 किसानों से बातचीत कर सर्वे का आकलन किया गया।
अपर मुख्य सचिव व गन्न आयुक्त संजय आर भूसरेड़डी का कहना है कि वर्ष 2017-18 में प्रतीकात्मक रूप से सर्व कराया गया था। पांच साल के भीतर प्रति किसान करीब 70 हजार रुपये आय में इजाफा हुआ है।
रोजा के किसान मालामाल, निगोही के सबसे कमजोर
आर्थिक गणना में रोजा गन्ना किसान परिषद के गन्ना किसान जिले में सबसे संपन्न पाए गए हैं। यहां प्रति किसान भूमि के साथ गन्ना रकबा भी अधिक है। औसत आय पुवायां के मुकाबले प्रति किसान 42 हजार रुपये पाई गई है। तिलहर के किसान कमाई में तीसरे तथा निगोही के किसान चौथे स्थान पर है।
गन्ना विकास परिषदवार आंकडे
रोजा गन्ना विकास परिषद में प्रति किसान 1.513 हेक्टेयर कुल भूमि तथा 1.025 हेक्टेयर क्षेत्रफल में गन्ना खेती पाई गई। इस क्षेत्र में प्रति किसान 247241.47 रुपये सालाना आय का आकलन किया गया।
तराई क्षेत्र पुवायां गन्ना विकास परिषद में प्रति किसान 1.121 औसत भूमि तथा 0.678 हेक्टेयर में गन्ना पाया गया। यहां किसानों की सालाना औसत आय 205487.64 रुपये का अनुमान लगाया गया।
तिलहर गन्ना विकास परिषद तीसरे स्थान पर रहा। यहां किसानों के पास 1.106 हेक्टेयर औसत भूमि है। जिसमें वह 0.814 हेक्टेयर में गन्ना खेती करते हैं। यहां किसान 181256.88 रुपये सालाना कमाते हैं।
निगाही गन्ना विकास परिषद के किसान सबसे कम कमाते है। यहां प्रति किसान औसत जमीन 1.128 हेक्टेयर है। 0.808 हेक्टयेर में गन्ना खेती करते है। सालाना औसत आय मात्र 157999 रुपये है।
अपर मुख्य सचिव के निर्देश पर आर्थिक गणना कराई गई। चारों विकास परिषद की रिपोर्ट मिल गई है। जिसे शासन को भेज दिया गया है।
डा. खुशीराम, जिला गन्ना अधिकारी