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स्टाफ की कमी के बीच पूनम होल्डिग एरिया में संभाल रही मरीज

तबीयत खराब होने पर हर किसी को तत्काल उपचार की जरूरत होती है। लेकिन कोरोना की रिपोर्ट के इंतजार में आठ से दस घंटे तक राजकीय मेडिकल कॉलेज के होल्डिग एरिया में मरीजों को रखा जाता है। फिर चाहे मरीज की हालत कितनी भी गंभीर क्यों न हो।

By JagranEdited By: Published: Tue, 20 Apr 2021 12:15 AM (IST)Updated: Tue, 20 Apr 2021 12:15 AM (IST)
स्टाफ की कमी के बीच पूनम होल्डिग एरिया में संभाल रही मरीज

जेएनएन, शाहजहांपुर : तबीयत खराब होने पर हर किसी को तत्काल उपचार की जरूरत होती है। लेकिन कोरोना की रिपोर्ट के इंतजार में आठ से दस घंटे तक राजकीय मेडिकल कॉलेज के होल्डिग एरिया में मरीजों को रखा जाता है। फिर चाहे मरीज की हालत कितनी भी गंभीर क्यों न हो। यहां हर मरीज को कोरोना संक्रमित मानते हुए ही स्वास्थ्यकर्मी प्राथमिक उपचार देते हैं, लेकिन स्टाफ की कमी के बीच मरीजों की जान बचाना स्वास्थ्यकर्मियों के लिए मुश्किल पड़ रहा है। उसके बावजूद यहां की प्रभारी एवं स्टाफ नर्स पूनम पाल न सिर्फ अपनी जिम्मेदारियों को बेहतर ढंग से निभा रही हैं बल्कि स्वजन की गैर मौजूदगी में बुजुर्गों की बेटी बनकर उनकी सेवा भी कर रही है।

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स्टाफ की कमी से बढ़ गई ड्यूटी

होल्डिग एरिया में एक शिफ्ट में कम से कम छह स्वास्थ्यकर्मियों की ड्यूटी होना चाहिए। लेकिन स्टाफ की कमी की वजह से पूनम अपने एक अन्य सहयोगी के साथ मिलकर 38 मरीजों की सेवा कर रही है।

पल-पल की देनी पड़ रही रिपोर्ट

होल्डिग एरिया की प्रभारी होने के नाते उन्हें पल-पल की रिपोर्ट प्राचार्य, सीएमएस आदि अधिकारियों को देनी पड़ती है। मरीजों की हालत बिगड़ने या फिर संख्या बढ़ने पर जब दिक्कत होती है तो पूनम को रात में भी आवास से आना पड़ जाता है।

विपरीत परिस्थिति में पड़ता है निपटना

होल्डिग एरिया में 70 से 80 ऑक्सीजन लेवल वाले मरीज इन दिनों ज्यादातर पहुंच रहे है। जिन्हें ऑक्सीजन की सबसे ज्यादा जरूरत पड़ती है। ऐसे में यहां हर समय व्यवस्थाएं भी दुरुस्त कराना पूनम की जिम्मेदारी है। कई मौकों पर उपचार समय से न मिलने पर मरीज के स्वजन हंगामा भी करना शुरू कर देते है। प्रभारी होने के नाते उन्हें समझाने की जिम्मेदारी रहती है। ------

पति को छोड़नी पड़ गई नौकरी

पूनम के पति संतोष कुमार नोएडा की एक प्राइवेट कंपनी में ड्यूटी कर रहे थे। लेकिन गत कोरोना संक्रमण की वजह से पूनम बेटी श्वेता व आठ वर्षीय बेटा रमुलन की देखरेख के लिए समय नहीं मिल पा रहा था तब संतोष कुमार को अपनी नौकरी छोड़नी पड़ गई। परिस्थितियां जब कुछ सामान्य हुई तो उन्होंने फिर ड्यूटी पर जाने की तैयारी की लेकिन बढ़ते संक्रमण की वजह से उन्होंने फिर अपना इरादा बदल दिया है।

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